“” अर्चना – एक आस्थामयी करबद्ध विनती “
httpss://youtu.be/JkPrTsUGeBQ
“” अर्चना “”
“” प्रेमपूर्वक व श्रद्धामयी अनुरोध ही अर्चना कहलाती है। “”
वैसे मानस के अंदाज में –
“” अ “” से – अभिभूत अभिव्यक्ति
“” र “” से – रीति नीति आचरण
“” च “” से – चंचलता युक्त
“” न “” से – नतमस्तक होना
“” अभिभूत अभिव्यक्ति व उसके अनुरूप रीति नीति आचरण अथवा चंचलता युक्त नतमस्तक होना ही अर्चना कहलाती है | “”
“” अ “” से – अनुरोध
“” र “” से – रक्षण
“” च “” से – चिरंजीवी होने की अभिलाषा
“” न “” से – निर्माण
“” अनुरोध जो रक्षण या चिरंजीवी होने का निर्माण सम्भव करे, वह अर्चना कहलाती है | “”
“”” अ “” से – आराध्य से अनुकम्पा
“” र “” से – रिद्धि सिद्धि
“” च “” से – चेतना युक्त
“” न “” से – नियमानुसार आचरण
“” आराध्य से अनुकम्पा या रिद्धि सिद्धि की चाह में चेतना युक्त नियमानुसार आचरण ही अर्चना कहलाती है । “”
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
मन मे अगर निन्यानवें का फेर नहीं है
तो
पूजा पाठ अर्चना सब संभव है।
सटीक लेखन 🖋️🖋️🖋️
really appreciable
Great
Nice line
Good thought
जैसा कि हर बार की तरह इस बार भी आपके विचार बहुत ही विचारणीय रहे हैं पर इस बार आपने जो नया प्रयोग किया वो तो बिलकुल काबिले तारीफ है। इसी का नाम तो रियलस्टिक थिंकर है ।
these are not only just word. it’s provide immunity & boost up to thinker. thanks a lot dear
Nice 🙂
“सोच जब अपना आकार लेती है,
तब पता चलता है कि आपने कितना तप किया है।”
सुविचारक:
महेश सोनी
it’s great line