Saturday, March 25, 2023

इश्क एक जनून भी है और इबादत भी

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“” इश्क एक जनून भी है और इबादत भी “‘

अजीब दास्ताँ आजकल जो एक निकल पड़ी ,
जो खुद ही अधूरे हैं फिर भी उनके पीछे ही दुनिया पड़ी ;

उनके नाम के अहसास होते भर से ही सांसें भी रूकी हैं पड़ी,
इस खुमारी को लिये कई टोलियाँ लम्बी कतार में हैं खड़ी ;

वो कहता है डूब करके तो देखो मुझमें एक घड़ी,
इस कदर चढ़ा जनूँ कि अब उसे ही पार करने की सबको पड़ी ;

गोता लगाकर देखा तो लगा कि वास्तव में एक खूबसूरत जन्नत ही पड़ी ,
फिर क्यों लगा मुझको उसके लिये एक और मन्नत इंतजार में खड़ी ;

कहता है वो मेरा काटे को तो दरबदर होना पड़ा या फिर उसका नाम दूजा ही पड़ा,
फिर भी न क्यों हर कोई इस अमृत की चाह में आँखे गढ़ाये खड़ा ;

अधूरे अक्षर से बना “”इश्क़ “” मेरा नाम है पड़ा ,
मुझे पूरा करने वालों को कभी पागल बनना पड़ा ; नहीं तो कभी मरना भी पड़ा।

सन्देश –
“” इश्क तो इबादत है ज़नाब ,
प्राणित्व से हो तो दुनिया खूबसूरत ;
और वासना, तत्व या उपभोग से हो जंजीर नजर आती है। “”

मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

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Sanjay Nimiwal
Sanjay
11 months ago

इश्क एक ऐसा अहसास

जो पता नहीं

कब

किससे ( सभी संज्ञा शब्द) हो जाए।

कुछ पल के लिए भी और जीवन भर के लिए भी

Juneja juneja
Sandeep juneja
11 months ago

Ishk hi Ishwar ka dusra name hai.

Mohan Lal
Mohan
11 months ago

बस ये ही तो हो नहीं रहा गुरु जी अगर लग जाएं लग्न तो दुनिया सारी अपनी ही लगने लगे

Devender
Devender
11 months ago

शानदार शायराना अंदाज़

अतिसुंदर व्याख्या

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