होली का भावार्थ / होली का सैद्धांतिक अर्थ
“” होली बुराई, पाप, अत्याचार के विरुद्ध सद्मार्गीय भक्ति, विश्वास और समर्पित प्रेम के विजय की प्रतीक कहलाती है। “”
– रोष का भी प्रेम और उदारतापूर्वक अभिव्यक्ति की प्रतीक है होली।
– रिश्तों में नवसंचार और हृदय में प्रेम स्फुट का कारक है होली।
– जीवन के सुख, दुख, विश्वास और प्रेम सभी रंग समर्पण को दर्शाती है होली।
वैसे होली मानस के अंदाज में –
मानस का एक हाथ में नैतिक मूल्य व दूसरे हाथ में आध्यात्मिक मूल्य है। इसके दोनों हाथों की पाँच पांच अंगुलियों में पाँच पाँच गुण विद्यमान हैं। जब यह मानवता का रंग जब सबको लगेगा तो यह पृथ्वी ही जन्नत बन जायेगी
नैतिक मूल्य –
1. – ईमानदारी
2. – पवित्रता
3. – सत्यनिष्ठा
4. – निष्पक्षता
5. – समभाव
आध्यात्मिक मूल्य –
1. – अहिंसा
2. – सत्य
3. – शान्ति
4. – प्रेम
5. – करुणा
मानवीय मूल्य जीवन के सुख, दुख, विश्वास, प्रेम और समर्पण सभी रंग को दर्शाते है।
मानस इस जगत में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन का रंग सबको लगाना चाहता है। होली के पर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुंदर के साथ जीवंत करने वाली
thanks
होली का बहुत ही सही मूल्यांकन / होली के इस पावन पर्व पर अगर ये नैतिक ओर आध्यात्मिक मूल्य रूपी रंग सबपर चढ़ जाये तो सोच कर देखो ये दुनिया कितनी रंगीन हो जाएगी /
good