Tuesday, March 21, 2023

“” अश्वेत क्रांति या अपमान की विरोधाग्नि “”

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“” Protest of Humiliation or Black Revolution “”
“” अश्वेत क्रांति या अपमान की विरोधाग्नि “”

नील रंग ने ऎसे रंगा मुझको ,
हर रंग उसमें ही समा जाये ;
नजर खराब थी दुनिया की जो ,
अपनी हरकतों को छोड़ रंग को बुरा भला कहती जाये ;

कुहू कुहू की मीठी आवाज कानों में रस घोले जो ,
स्याह रंग की कोयल भी आंखों को प्यारी लग जाये ;
कजरारे काले नयनों के जादू से ,
श्याम वर्ण के कान्हा की छवि जो हर दिल में बस जाये ;

हर सुंदरता का श्रेष्ठ श्रृंगार बने जो ,
हीरा भी काले कोयले के खदानों में ही मिल पाये ;
बलिहारी आसमां के कृष्ण रंग की जो ,
टिमटिमाते सितारे भी संसार में अपनी शोभा बढ़ाये ;

मीठी नींद तभी आती है जग को ,
रात्रि भी जब स्याह रंग में रंग जाये ;
अपना चाँद भी खूबसूरत से घर रोशन तब करने लगा ,
जब काली अमावस्या की मेहरबानी हम पर बरसती जाये ;

गौरवर्ण श्यामवर्ण ये अंदाजे बयां के हथियार जब ,
किसी एक सुंदर बताने में दूजे के साथ अन्याय करने जो लग गये ;
कभी क्रूरता की सभी हदें पार की हमने जो ,
इंसानियत में भेद करवा अनजाने में “अश्वेत क्रान्ति ” की अलख जगाने भी लग जाये ;

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।

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Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
8 months ago

सुन्दर अभिव्यक्ति

सार्थक संदेश

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