Friday, March 31, 2023

“‘ जुबान के साथ कर्म का भी ऐहतराम हो “”

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“‘ जुबान के साथ कर्म का भी ऐहतराम हो “”

हँसी वक़्त था,
अपने रसूल की असीम नियामतों पर ऐतबार दिखाने का ;
फिर बंट गये व शिकार भी हो गये थे,
जो असर हुआ हम पर ज़ाहिल व मक्कार राजनीति , इमाम व मौलाना के बहकाने का ;

जिम्मा लिया जिसने,
रसूल के असूलों में सज़दा करवाने का ;
अल्लाह को रुसवा व इंसानियत को ही रुला दिया,
अब सिर झुकाना पड़ेगा कौम को उनकी ज़ाहिल भरी करतूतों व कारनामों का ;

अब कौन देगा प्रशंसा पत्र तुम्हारे हमवतन के लिये वफ़ादार होने का,
लगता है तुमको तो शौक है मासूमियत की आड़ में गद्दर मचाने का ;
इल्जाम है तुम पर क़त्ल करवाने रसूल के अपनों का,
तो कभी बिरादरी में काफ़िर कहते हुए खून की नदी बहाने का ;

मानस जनूँ है हमें,
गर्दिश में भी मजलूम व इंसानियत का साथ निभाने का ;
कठिनाई में जी भी लेंगे और मर भी मिटेंगे अपने असूलों की ख़ातिर,
पर यदि कोई यकीन तो दिला दे हमको उनके इंसानियत पर चलने या रसूल ऐ पाक होने का ।

Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】
Follower – Manas Panth
Purpose – To discharge its role in the promotion of education, equality and self-reliance in social.

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Devender
Devender
11 months ago

Nice

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