“” Fear is Not a Weakness but a Weapon of The Invincible “”
“” डर एक कमजोरी नहीं अजेय का हथियार “”
अजी जनाब डर भी क्या बड़ी चीज है ,
बड़े बड़े धुरंधर को धूल जो चटावाता है ;
दिल चाहता है कुछ और ही करना ,
दिमाग न जाने क्यूँ कुछ और ही कर जाता है ;
वैसे “ड” से जो डट गया जो ,
हौंसला चट्टान से कहीं ज्यादा मजबूत हो जाता है :
“” र “” से जो रम गया जनूँ में जो ,
तूफान या बवंडर इन सबमें भी बेखौफ हो जाता है ;
कुछ कर गुजरने की ख्वाहिशें ,
लोगों को घरों से अकेले ही निकला करती हैं ;
सर्वहित में कारवाँ तो उसका जनूँ अपने आप बनाता है ,
कारवाँ ना बने तो भी डर से भिड़ती नन्ही कोशिश भी जीत का जश्न बनाती है ;
जो “ड” से जो डगमगा गया अपने रास्ते से ,
वो आसमां की उड़ान छोड़ जमीं की सैर से महरूम रह जाता है ;
“”र” से जो रपट गया जो ईमान से ,
भय के माहौल में राजा भी रंक हो जाता है ;
अनहोनी की आहट सुनाई दी जो ,
घबराहट में सारे काम अब खूब अंदाजे से ही होते हैं ;
सुझबूझ व तार्किकता तो कोसो दूर कंवले पर कोहनी टिका खड़े जो ;
नाकामी में असफलता नहीं रहती उनके बल्कि जीवन पर्यन्त ” दिल में एक टीस ” बनती हैं ;
“” जियो इस तरह कि सफलता ही दूसरे संघर्ष की सीढ़ी बने “”
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
आत्म विश्वास से भरे हुए इंसान अपनी मंजिल बेखूबी ढूंढ लेते हैं।
बहुत बढ़िया जिले सिंह जी पढ़ कर ओर आप से मिल कर अच्छा लगा जय श्री श्याम
डर के आगे ही तो जीत है ✌️✌️
Very nice
आप के विचारो से हमें प्रेरणा मिलती है सफलता का y mantra hai
बहुत खूब