“” The Image Formed by The Eyes or the Introduction of Reality “”
“” आँखों से बनी छवि या वास्तविकता का परिचय “”
जलजले सिर्फ तूफान ही लाते हैं दुनिया वाले जब हमें ये बताने लगे ,
तो फिर खुले आसमां में हमने भी कुछ अल्फाज पढ़ डाले ;
तालियों की गूँज में अब बहरे कान भी खड़े होने लगे ,
ऐसे में लोगों की बदली निगाहों से हम एक ” अरमान ” भी सजाने लगे ;
ज़हर उगलती जुबां तलवार से भी गहरा घाव देती है जो दुनिया को बताने लगे ,
तो फिर अपनों को भी गैरों की भांति नज़र आने लगे ;
खामोशी जब बार बार इंसान को भीतर से खोखला करने लगे ,
तो दुनिया दबी जुबाँ की कीमत कई बार जान देकर भी चुकाने लगे ;
आँख में ज़मीर गिरने से आँसू बहना ज्यादा अच्छा होता है जो संसार बताने लगे ,
तो ऑंख से बरसते अंगारे पहले तमाशबीनों के ही घर भी झुलसाने लगे ;
ऑंख से गिरती हया से लोगों को चरित्रहीन बनते भी अब जो हम देखने लगे ,
पर उठ न पाया वो आज तक हमारी आँखों में जो कभी गिरने लगे ;
छवि को टूटते देखने से टूटते तारे को देखना ज्यादा अच्छा है जो हम संसार को बताने लगे ,
तो कब कोई पनपा जो रहनुमा के ही आँखों में किरकिरी बनने लगे ;
नज़र लगे महलों को उजड़े को उभरते भी कई बार जो देखने लगे ,
उभरते नहीं देखा जो निश्छल आंखों से ही चोटिल होने लगे ;
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।
Reality 👌👌
आज के दिखावटी जमाने में वास्तविकता कोसों दूर है
जबकि आंखो का वहम अपनी जगह ,,,,,
Really nice views