“” Labour Conversation with Stone “”
“”‘ पत्थर से मजदूर का संवाद “”
ऐ पत्थर तूमने मुझसे, खूबसूरत किस्मत है जो पाई ;
भगवान मान लिया था जिसे दुनिया ने, तुझको ही तराश जो फिर अपनी कला दिखलाई ;
तीर कमान हाथ दे राम, बाँसुरी मुख पर सजा कृष्ण से भी दुनिया मिलवाई ;
हमने सँवारा तो बना दिल का शहंशाह , फिर भी तूने दुनिया से एक मजदूर की हैसियत से हमारी परिचय करवाई ;
किसी के रहने का महल हमने बनाया तो , राम के लिए मंदिर व खुदा के लिए मस्जिद भी बनाई ;
नग्न बदन को ढकने के लिए वस्त्र , तो कभी खुदा ढ़कने हेतु चद्दरें भी बनाई ;
सुरक्षा के लिए अस्त्र शस्त्र बनाये तो कभी , तुम्हारी सजावट की ख़ातिर आभूषण और पौशाकें भी बनाई ;
रहमत तेरी देख दिल भर आया , जो सिर ढकने को टूटी फूटी झोंपड़ी भी हमने भले कर्ज से ही क्यों न पाई ;
तुझको काटा जो इस तरह हीरा बना दिया , कभी दुर्गम पहाड़ पर भी पगडंडी बनाई ;
कभी गूंथा जो तेरी धूलि को इस तरह जो, ठंडे पानी के लिये भी फिर हमने सुराही भी बनाई ;
तू जीवंत रहे दिलों में सबके , इसलिये बना तस्वीर दुनिया को भी दिखलाई ;
कीमत भी तेरी नज़र में मुझसे कहीं ज्यादा अच्छी है, तब तो कोयले की ख़ातिर लाखों मजदूरों की जान भी दांव पर लगवाई ;
दो वक़्त रोटी की जुगाड़ ने रास्ते की ख़ाक छान , फिर भी लम्बी कतार ही पाई ;
हाड़ तोड़ मेहनत के बाद मजदूरी लेने में , घण्टों की हमसे इंतजार भी करवाई ;
बच्चे की ख्वाहिश ना रहे अधूरी , जिसके चलते बस आधी चुपड़ी ही हमने बारों बार खाई ;
तनख्वाह से न कटे नुकसान की कीमत, तो ना टूटे तूं 【 पत्थर 】इस कोशिश में अपनी ही जान गंवाई ;
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
बहुत सुंदर अकथनीय अभिव्यक्ति
इस दुनिया में लगभग लोग ऊपर कंगूरे यानी की मंडेरी या छज्जे की तरफ देखकर उसकी तारीफ करते है । कोई विरला ही होता है जो नीम में लगी ईंट के बारे में सोचता है । लोग ताजमहल की तारीफ में तो बहुत कशीदे पढ़ते है मगर जिन हाथों ने उसे बनाया संवारा उसको कोई याद तक नही करता । आज मजदूर दिवस के मौके पर मैं आपकी इस वेबसाइट के माध्यम से सब मजदूर भाईयो को नमन प्रणाम करता हूं । धन्य है ये लोग जो असंभव को भी बहुत धीरजता से संभव कर देते हैं ।
so grateful speech for labor.
मजदूर दिवस की शुभकामनाएं,🙏🙏
उनकी गैरमौजूदगी में मंजिल हमेशा दूर है….
जो आपके ख्वाबों को पूरा करता है वो मजदूर है ।।।
बहुत खूब