Meaning of Sales
“” बेचना एक कलात्मक अभिरुचि या आदतन प्रदर्शन या फिर अस्तित्व स्थापित करने की विधि “”
★★ “” इस संसार में प्राणी हर क्षण जिंदा रहने की कुछ ना कुछ कीमत जरूर चुकाता है। “”
—– तो सवाल यह भी उठता है कि बदले में उसने क्या चुकता किया और कैसे।
—- उपरोक्त सवाल का जवाब जैसे ही मिल जाता है तो एक फिर महत्वपूर्ण सवाल उत्पन्न होगा कि “” उसे यह सब मिला क्यों “”
——- तो इसका केवल एक ही जवाब होगा वह है “” कर्मफल “” ★★
कर्मफल प्राप्ति हेतु बेचा 【 कर्म 】 क्या —–
1 — सेवा शुल्क
【 स्वास्थ्य निरीक्षण , शिक्षण, कानूनी सलाह, लेखा जोखा सम्बन्धित या ज्योतिष विमर्श शुल्क इत्यादि】
2 — वस्तु विनिमय
【 रेहड़ी व पटरी वाले या दुकानदार द्वारा सामान की बिक्री】
इसके अलावा —-
◆◆◆ पहले एक कार्य तो सामाजिक दृष्टि से घृणित समझा जाता था तो दूसरा निट्ठल्लों , बुद्धिजीवियों या फिर धनिकों के लिये शानोशौकत का शबब था।” ◆◆◆
पहले को
3 — देह व्यापार
【 उद्देश्य पैसा व ऐशोआराम है और खुलेआम व सोशल मीडिया के तरीके सामाजिक ताने बाने को विदीर्ण व कमजोर कर रहे हैं 】
तो दूसरे राजनीतिक सेवा को
4 —- विचार विनिमय
【 इसका उद्देश्य पैसा , ऐशोआराम व शानोशौकत व दबंगई है और काम के तरीके सामाजिक ताने बाने को विदीर्ण व कमजोर ही नहीं जाति, धर्म , सम्प्रदाय के नाम पर अविश्वास, नफ़रत ,नक्सलवाद व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं 】
विचार विनिमय का प्रयोग जो सामाजिक समरसता व तानेबाने को विध्वंस की और धकेल देगा।
— धर्म व धार्मिकता में फर्क
★★★ °° हर इंसान बेचने को निकला कुछ खरीदने के लिए “” ★★★
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
nice thinking
Nice thought 🙏👌🙏
हमें जमीर बेचना आया ही नही,,
वरना…
दौलत कमाना कोई मुश्किल काम नही।।।