Saturday, March 25, 2023

“” मोक्ष की परिभाषा “”  या “” मोक्ष का अर्थ “”

More articles

“” मोक्ष की परिभाषा “”  या “” मोक्ष का अर्थ “”
“” Definition of Moksha “” OR “” Moksha Ki Paribhasha “”

“” मोक्ष “”

परम्परागत सोच में –

“” बिना विछोह के ईश्वरीय दर्शन ही मोक्ष है। “”

“” एक असीम कृपा युक्त क्षण जहां आत्मा का परमात्मा में विलीन होना निश्चित हो तो वह मोक्ष कहलाता है। “”

“” ईश्वर द्वारा आस्था का सर्वोच्च प्रसाद जिसे प्राप्त करने पर सब अभिलाषाओं को विराम मिले वह मोक्ष कहलाता है।
“”

मानस की दृष्टि से –

वैसे “” म “” से मोहमाया
“” क्ष “” से क्षय

“” जहां मोहमाया का क्षय हो जाये वह मोक्ष कहलाता है। “”

वैसे “” म “” से मम
“” क्ष “” से क्षत विक्षत

“” जहां मम यानि अहम क्षत विक्षत यानि नष्ट हो जाये वह मोक्ष कहलाता है। “”

वैसे “” म “” से मनोवांछित फल
“” ओ “” से ओट
“” क्ष “” से क्षमता
से
वैसे “” म “” से मंथन
“” ओ “” से ओतप्रोत युक्त
“” क्ष “” से क्षमाशील

“” मनोवांछित फल की ओट व क्षमता को दरकिनार कर मंथन से ओतप्रोत हो और क्षमाशील बनना ही मोक्ष है। “”

सरल शब्दों में –

“” निश्छल कर्त्तव्यों , प्रेम व सत्यनिष्ठा के प्रति समर्पित जीवन जीने भान ही मोक्ष है। “

“” मानवीय मूल्यों का निश्छल निष्पादन ही मोक्ष कहलाता है। “”

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में

1 COMMENT

guest
1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
7 months ago

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

Latest