Thought about Decision / एक निर्णय का फल
“” एक निर्णय का फल या कीमत वक़्त और परिस्थितियों पर निर्भर करती है “”
हर पल इंसान को निर्णय की प्रक्रियाओं से रूबरू होना ही होता है,
वह कभी सहज, तो कभी विषम, तो कभी जटिल भी हो सकती हैं।
कुछ निर्णय के परिणाम तुरंत या समकालीन, तो कभी दीर्घकालिक भी होते हैं।
निर्णय जब गलती में तब्दील होता है तो असहज, काफी दुःखद, तो कभी कभार अत्यंत पीड़ादायक भी रहता है।
★★★ जब गलती दूसरों से हो तो – दण्डस्वरूप शर्मिंदगी , सजा व चालान की उम्मीद रखता है।
★★★ जब गलती अपनों से हो तो – सहजता, सम्मानजनक समझौता व दण्ड को भी उपहार स्वरूप भेंट प्रदान करवाने की आस रखता है।
मनुष्य की यह विकृत मानसिकता व दोगलापन समाज को स्वार्थ व संकीर्णता की ओर अग्रसर करवाता है।
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – इंसान के अस्तित्व को व्यवहारिकता के साथ रखने में स्वंय की भूमिका का निर्वहन करना।
sunder chintan