Saturday, March 25, 2023

“” जीवन में कठिनाई से लोहा “”

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“” Overcome Difficulties in Life “”
“” जीवन में कठिनाई से लोहा “”

हम शहर दर शहर घूमते रहे ,
जगह जगह डोलने की आदत न थी हमारी ;

बस योग्यता साबित करने की जिद में ,
लोग आवारों के बीच हमारा नाम लिखते रहे ;

जनूँ में ख्वाबों को एक एक कर बुनते रहे ,
हुक्म की तामील समझ उससे बस जूझते रहे ;

अव्वल हम तो दक्ष की तरह मेहनत करते भी रहे ,
फिर भी अब अपनी सफलता की पहचान भी खोजते रहे ;

काफिले सफ़र में दोस्त दुश्मन बनते रहे ,
हमारी वफादारी के कायल प्रतिद्वंद्वी भी साथ अब तक निभाते रहे ;

कभी रहबरों से तो कभी अपनों से धोखे व दगे मिलते रहे ,
खैरख्वाह कौन है हमारा बस ये आँख मूंद ये आज तक सोचते रहे ;

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।

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ONKAR MAL Pareek
Member
9 months ago

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,

चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला!

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला,

जब सबके मुंह पे पाश..

ओरे ओरे ओ अभागी! सबके मुंह पे पाश,

हर कोई मुंह मोड़के बैठे, हर कोई डर जाय!

तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर,

मनका गाना गूंज तू अकेला!

जब हर कोई वापस जाय..

ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय..

कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय……

Sarla Jangir
Sarla jangir
9 months ago

नए तरीके से शुरुआत करना ही बड़ी बात है । नई तरीके से शुरुआत करना, इसके लिए भरपूर आत्मविश्वास और नई सोच बहुत जरूरी है और वह आप में है । एक बीज बड़ी जद्दोजहद से पौधा बनता है और फिर पेड़ । उसे इस प्रक्रिया में बहुत समय लगता है लेकिन वह अपना प्रयास नहीं छोड़ता । तो हमें हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए ।

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