Prarup Ki Paribhasha / प्रारूप की परिभाषा व अर्थ
“” प्रारूप ”
“” वह लेखन प्रकिया जिससे कार्य को सुचारू व सुसंगत बनाया जा सके तो वह प्रारूप कहलाता है। “”
“” वह विधिवत प्रक्रिया जो कार्य की रूपरेखा या कार्य निर्धारण करती हो तो वह मसौदा कहलाता है। “”
मानस के अंदाज में –
“” प “” से पहल जहां समर्पण के साथ सम्मान भी दर्शाती हो,
वहाँ निर्णय कार्यनीति के साथ कार्यकुशलता का भी परिचायक बनाता है ;
“” र “” से रायशुमारी जहां खुले विचारों के साथ हो,
वहाँ एक प्रस्ताव आपकी कार्यशैली के साथ आपके व्यवहार को भी प्रदर्शित करता है ;
“” र “” से रीति नीति जहां प्राप्त करने की योग्यता व गुणवत्ता को दर्शाने लगे,
वहाँ वास्तविकता सत्यता के करीब आ ही जाती है ;
“” प “” से परिचय जहां तकनीकी आधार के साथ जब जमीनी भी हो ,
वहाँ व्यवहार भी वैज्ञानिकता सिद्ध करता है ;
“” वैसे पहल जहां रायशुमारी के साथ साथ रीति नीति से भी परिचय करवाये तो वहाँ वह प्रारूप ही कहलायेगा। “”
“” वैसे निर्णय प्रस्ताव बन जहां प्राप्त करने योग्य तथ्यात्मक तकनीकी आधार प्रदान करता है तो वह प्रारूप कहलाता है। “”
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
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