Prarupkarta Ki Paribhasha / प्रारूपकर्त्ता की परिभाषा व अर्थ
“” प्रारूपकर्त्ता ”
“” वह लेखनकर्त्ता जो प्रकिया के तहत कार्य को सुचारू व सुसंगत बनाये तो वह प्रारूपकर्त्ता कहलाता है। “”
“” विधिवत प्रक्रिया के तहत जो कार्य की रूपरेखा या कार्य निर्धारण करता है तो वह ड्राफ्टमैन कहलाता है। “”
मानस के अंदाज में –
“” प “” से प्रस्तावक जहां समर्पण के साथ रीति नीति का भी सम्मान करे,
वहाँ निर्णय कार्यनीति की कार्यकुशलता का परिचय देता है ;
“” र “” से रक्षक जहां खुले विचारों का समर्थन करता हो,
वहाँ एक प्रस्तावक कार्यशैली के साथ व्यवहार को भी प्रदर्शित करता है ;
“” र “” से रचनाकार जहां योग्यता व गुणवत्ता को दर्शाने लगे,
वहाँ वास्तविकता सत्यता के करीब आ ही जाती है ;
“” प “” से पक्षपाती जहां तकनीकी ही नहीं जमीनी आधार पर बने ,
वहाँ व्यवहार भी वैज्ञानिकता सिद्ध करता ही है ;
“” क “” से कर्मयोगी जहां कार्य के प्रति समर्पण को दर्शाये,
वहाँ कार्य की महत्वत्ता कई गुणा बढ़ जाती है;
“” र् “” से राहगीर जहां कार्य की प्रकृति को बताता हो,
वहाँ नियमबद्ध होना गहन चिंतन का विषय होता है ;
“” त् “” से तर्जुबेदार जहां अपनी काबिलियत ज्ञान से ही सिद्ध करता हो,
वहाँ ज्ञान उसकी पहचान बनता है ;
“” त “” से तपस्वी जहां कार्य के प्रति तल्लीन होना दर्शाता है,
वहाँ सिर्फ़ पोथी पढ़ने वाला ही पंडित नहीं बनता है ;
“” वैसे प्रस्तावक कायदे कानून का रक्षक बन जहां रचनाकार का भी पक्षपाती बने,
वहां कर्मयोगी का राहगीर , तर्जुबेदार व तपस्वी होना ही उसे प्रारूपकर्त्ता बनाता है। “”
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
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