“” Reform Shouldn’t be Rejected “”
“” रद्द नहीं सुधार “”
रद्द –
★ रद्द नकारात्मक भाव दर्शाता है।
★ यह ज़िद्द से अहंकार की तरफ अग्रसर करता है।
★ यह संवादहीनता का द्योतक है।
★ यह अक्सर अलगाव, अराजकता व सामाजिक परिवर्तन का बाधक बन जाता है।
जबकि सुधार –
◆ यह आशावादी विचारधारा का प्रतीक है।
◆ सकारात्मक सोच व दिशा को परिलक्षित करता है।
◆ तार्किक बहस , स्वस्थ मानसिकता व एक दूसरे में विश्वास का प्रेरक होता है।
◆ परिणाम सर्वहितकारी, सुखदायक व प्रेरणादायक साबित होता है।
मेरा सभी से अनुरोध व सन्देश है कि वे सुधार के सन्देशवाहक बने।
क्यों यह प्रगतिशील विचारधारा की आधारशिला है।
“” सुधार हठधर्मी, निरंकुश व दमनकारी शासन व्यवस्था को भी करूणा, दया व सहानुभूति का परिचय देने पर मजबूर व नतमस्तक करता है। “”
अतः संवाद का तरीका बदलिये परिणाम भी बदलेगा।
यह “” मानस “‘ का सुझाव व समाज की जरूरत भी ।।
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
Nice Thought ……
भूल होना प्रकृति है,
मान लेना संस्कृति है,
और सुधार लेना प्रगति है।
सलाह के सौ शब्दो से ज्यादा अनुभव की एक ठोकर इंसान को मजबूत बनाती है
कुछ बाते समझने पर नहीं ,बल्कि खुद पर बीत जाने पर ही समझ में आती है।