“” Religious Fanaticism or The Culmination of Darkness””
“” धार्मिक कट्टरता या अंधकार की पराकाष्ठा “”
ऐलाने जंग का शंखनाद किया जो दुश्मन ने ,
तरकश में तीर डाल पुरजोर से ललकारा भी हमने ;
दहशतगर्दों की बात मान आये उसके गिरफ्त में कुछ अपने ,
बदकिस्मती हमारी जंग के बीच अब भी लगे हैं जो अपनों को समझाने में ;
दुश्मन के लड़ने का तरीका कुछ अजीब सा देखा जो हमने ,
हैरानी जब बढ़ी देखा जो निशाना बने भी हम और बनाने वाले भी हमीं ;
हमारी बेइंतहा मेहनत जो लगी निशाने से बचना और निशानची को भी बचाने में ,
कमबख्त शातिर के आगे प्रेम समर्पण के साथ संयम ही चला बस उसे हराने में ;
लगता है दुश्मन माहिर है मायावी शक्तियों को जगाने में ,
विश्व की शक्तियां कर रही हैं शोध ब्रह्मास्त्र उसका पाने में ;
विकराल रूप से बदल दिया है उसने घनी आबादी स्थान को अब वीराने में ,
वक़्त की नज़ाकत व भलाई है दुश्मन को प्रेम का संदेश देकर उसका हृदय परिवर्तन करवाने में ;
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।
मानव धर्म ही सबसे बड़ा है।
सीने में धधकते फ़िर कुछ अंगार निकले हैं,दिल अब तक मानने को नहीं तैयार
गद्दार कुछ जिगरी यार निकले हैं।
बहुत शानदार