Monday, March 20, 2023

“” मेहनत का अद्वितीय स्वरूप या फिर कामगार “”

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“” Mechanic or Unique Form of Hard Work “”

“” Meaning of Kamgar “” or “” Definition or Kamgar “”
“” मेहनत का अद्वितीय स्वरूप या फिर कामगार “”

कामगार अपना जो परिचय कहने गया ,
किस्मत व जिंदगी से कशमकश करते ही रह गया ;

कभी जो दाल भात की जद्दोजहद भी बन गया ,
तो कभी वर्चस्व की चाह में अपना वजूद ही खो गया ;

हुनर के जलवे दिखाने के ईनाम में जो छला गया ,
कभी कड़े परिश्रम बावजूद मौकापरस्ती की भेंट भी चढ़ गया ;

ईमान निभाने एहतराम में फिर जो ठगा सा रह गया ,
कभी समर्पण जताने के मर्म में अपनत्व से भी महरूम जो रह गया ;

कहने को ” क ” से “” कर्मयोगी “” जो हो गया ,
फिर न जाने क्यूँ हर काम से वो वंचित भी हो गया ;

हर तरफ से ” म ” से “” मजबूर “” जो रह गया ,
बताने को श्रम से हाथ की लकीरें भी जो मिटा गया ;

” ग ” से “” ग़ैरत “” भरा जो शख्स बन गया ,
फिर क्यूँ अपमान का हर घूँट उसी के हिस्से में आ गया ;

अब ” र ” से ख्वाहिशों की मंजिल का जो “” राहगीर “” बन गया ,
तक़दीर के खेल में अब रास्तों की धूल फाँकने को ही रह गया ;

दर्द की इंतहा सहनशक्ति का उपहार स्वरूप जो हो गया ,
न्याय की मांग आज जीने मरने का संकल्प जो बन गया ;

इस दीवानगी में अब दर दर दुत्कारा भी गया ,
आखिरी दर पर फिर से कड़ी मेहनत ही हमारा ” कामगारों का हक़ अब वक़्त की पुकार ” जो अब हथियार भी बन गया ;

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।

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