Tuesday, March 21, 2023

” वहम कहे या भ्रम के शिकार “

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Victim of Confusion
“” वहम कहे या भ्रम के शिकार “”

शख्सियत देख जो हमारी,
लोगों को लगा जो शौक कि भ्रम पालने का कुछ यूँ ;

प्रकृति सँग सहयोग, सेवा व समर्पण को ठीक से समझ भी न पाये थे हम,
जानवरों से लगाव की देख खुमारी,
जंगली शेर को लाने की तैयारी में भी जुट गए कई ;

पढ़ने का हुनर अभी पूरा आया भी न था,
पढ़ाने की ललक देख, व्याख्याता हेतु नियुक्ति भेज दिये कई ;

अपनी जमीन अभी खरीदी भी न थी ,
बंगले के जिक्र ने , भिजवा दिये न जाने कितने राज मिस्त्री व बढ़ई ;

घुटने के बल चलना अभी सीखा ही था हमने ,
दौड़ की चाह भर में, मैराथन में भाग लेने हेतु नाम लिखवाने चले गए चन्द भाई ;

अभी पूरा कलाम बोलना जाना भी न था मानस हमने,
शायरी का मिजाज ही जान, मुशायरा रख आमंत्रित करने हेतु पर्चे भी बाँट रहे थे मेरे कई अजीज़ मुद्दई।

मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

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