“” Wish Sometimes Reality “”
“” चाहत तो कभी हकीकत “”
जिन्दा दिखने की चाह,
दिल में रखी थी जरूर ;
कुछ कर गुजरने का,
जज़्बा भी था भरपूर ;
रास्ते पर जो निकला,
अकेला होकर मजबूर ;
जीने के तरीके की आदत,
हमें बना रही थी मग़रूर ;
उड़ता रहा खुले आसमान में,
वो भी जमीन की तलाश में चले गये थे बहुत दूर ;
नहीं मानी किसी की सरपरस्ती,
वो भी इस जहान में काबिलियत के नशे में चूर ;
एक आशियाना बनाने की चाह में,
खूबसूरत गुलिस्तां रहा हमेशा एक कदम दूर ;
जन्नत बनाने की जिद थी इस जहाँ में,
खुली आँखों के सामने कारवां लुटता रहा व देखता चला गया हो कर मजबूर ;
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।
Nice Thoughts 🙏
चाहत ही तो है जनाब …
जो हर किसी को जिंदा रखे हुए है।।।
so nice line
दुख के बाद सुख , घूंट के बाद छांव आती है। यही प्रकृति का नियम है ्।इसी तरह हर पीड़ा /दर्द को सहने की शक्ति भी हमें ईश्वर देता है , जो इस सृष्टि का कर्णधार है ।
Nice