yearning for one true love
” बेकरारी या तड़प एक सकूँ के वास्ते “”
सच्चा प्यार जिनके नसीब का इस्तकबाल नहीं करता तो मानस,
जन्नत की हूरों के बीच भी उनकी महफ़िल ऐ रोशनाई की ख्वाहिश देखते हैं ;
कमी न थीं मीठी झीलों की इस जहान में ,
फिर भी सागर में जाकर उनकी मीठे पानी की फरमाइश देखते हैं ;
रोशन जहाँ था पूरे आसमाँ के सितारों से,
जुगनू कर दे घर रोशन उनका ऐसी जोर आजमाइश भी देखते हैं ;
फलों से लबरेज बागों की भी न थीं इस गुलिस्तान में ,
फिर भी रेगिस्तान में काँटो भरी झाड़ी से बेर तोड़ते उनकी फजीहत होते भी देखते हैं ;
जो परवाह न करते थे कभी सच्चे इश्क़ में अश्क़ ऐ समंदर की,
अब इस बेआबरू में भी उनकी सूखी आँखों में टपकते लहू का मंजर भी देखते हैं ;
माना कोई यूँ ही नहीं बनता बरेलवी, गुलज़ार और मिर्जा,
उनके अल्फाजों में किसी का हाले दिल, दर्द और इश्क़ का जनून भी देखते हैं।
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
Gajab bahi
मोहब्बत के लिए कुछ खास दिल मखसूस होते हैं,
यह वो नगमा नहीं जो हर साज पर गाया जा सके।।
so sweet
Nice