न्यायालय की परिभाषा | न्याय क्या है
Definition of Court | Meaning of Justice | Nyayalay Ki Paribhasha
“” न्यायालय “”
“” न्याय “”
“” समान व्यवहार प्रदान की स्थिति जहां किसी का अहित होने की आशंका न रहे न्याय कहलाता है। “”
दूसरे शब्दों में :-
“” वादी व प्रतिवादी में सामंजस्य परिस्थिति का पैदा होना न्याय है। “”
“” वह स्थान संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत निरपेक्ष रहते समभाव, सर्वहित की संकल्पना विद्यमान हो, न्यायालय कहलाता है। “”
“” विधिवत व प्रक्रिया संगत सर्वकल्याण हेतु दण्डात्मक व अनुशासनात्मक कार्यवाही का निर्बाध संचालन स्थल ही न्यायालय कहलाता है। “”
वैसे “” न् “” से न्यून जहां पक्षपात होने की आधारशिला हो,
वहाँ सर्वहितकारी व निरपेक्ष नीतिगत होना अवश्यम्भावी होता है ;
“” य “” से यथोचित जहां कार्यशैली की सर्वोच्च प्राथमिकता में दर्ज हो ,
वहाँ तर्कयुक्तता के साथ सामुहिक हित का अभिवादन किया जाता है ;
“” य “” से यथार्थवाद जहां कार्यप्रकृति में सर्वोपरि रहता है ,
वहाँ पक्षहीन व्यवहार समानता का प्रतिनिधित्व करता है ;
“” ल “” से लामबद्धता जहां सर्वजन के कल्याण को सम्बोधित करती हो,
वहाँ नीतिपरायण निर्णय कार्य परम्परा में आ ही जाते हैं ;
“” य “” से यलगार जहां न्यायिक अभिलाषा हेतु किया जाये ,
वहाँ पक्ष या विपक्ष नहीं सिर्फ सत्य ही सर्वमान्य रहता है ;
वैसे “” न्यून जहां यथोचित यथार्थवाद के साथ शामिल हो तो,
वहाँ लामबद्धता के साथ यलगार हेतु संवैधानिक विधिक कार्यस्थल ही न्यायालय कहलाता है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” जहां अधिकार व कर्त्तव्य के समानांतर निजी व सार्वजनिक हित क्षेत्रों में टकराव रहित विधिवत संवैधानिक अनुशंषा या अनुपालना के आदेश दर्ज होते हों तो वह न्यायालय कहलाता है । “”
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान में पिछले दिनों लिये पक्षपाती फैसलों ने मुझे निजी तौर पर आहत किया है जता दिया वो भी कुंठित मानसिकता या दबाव के अधीनस्थ कर्मी हैं।
◆ राजनैतिक दलों की रैली या आंदोलन के सैलाब में कोई अंतर नहीं है।
◆ धार्मिक यात्रा , अनुष्ठान , पर्व या पर्यटक स्थल की भीड़ में कोई अंतर नहीं होता।
◆ मदिरा की दुकान या अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान में कोई ज्यादा अंतर नहीं होता।
भीड़तंत्र द्वारा किसी की हत्या एक जघन्य व अक्षम्य अपराध है। उसी तरह राजनेताओं द्वारा भीड़ द्वारा सरकारी व निजी संपत्ति का नुकसान भी उस श्रेणी से कम नहीं होता।
◆ सामुहिक बलात्कार क्रूरता व वहशीपन की पराकाष्ठा दर्शाता है तो नाबालिग व विवाहित स्त्री की पीड़ा कमतर नहीं हो जाती है।
◆ हाँ यदि मुझ पर कोर्ट की अवमानना लगे तो मैं इसका तहे दिल से स्वागत करूंगा। मुझे एक मौका तो मिलेगा ऑंख से ऑंख मिलाकर ये प्रश्न पूछने का ।
Definition of Court | Meaning of Justice | Nyayalay Ki Paribhasha
न्यायालय की परिभाषा | न्याय क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – समाज में प्रेम, सहयोग व भाईचारे की भावना को प्रबलता प्रदान में न्यायालय की भूमिका को कम करने में बल देना।
सच के साथ रहो….
ईश्वर समय आने पर न्याय जरूर करेगा,
क्योंकि उसके घर देर है, अंधेर नही । । ।
विस्तृत व्याख्या