Saturday, July 27, 2024

Definition of Manas Panth | मानस पंथ की परिभाषा

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मानस पंथ की परिभाषा | मानस पंथ का अर्थ
Definition of Manas Panth| Manas Panth Ki Paribhasha | Meaning of Manas Panth

 

मानस का भावार्थ

“” एक आध्यात्मिक विचार “”
            दूसरे शब्दों में :-
मान+ स
मान = घमंड / अभिमान
स = संघार / संहार
        सरल शब्दों में –
” जिसे अपने कर्म के साथ साथ प्रकृति के नियम में विश्वास व अहसास हो मानस कहलाता है। “
        दूसरे शब्दों में :-
जो मानवीय मूल्यों को आदर्श मानने के साथ जीवन में उन्हें परिलक्षित भी करता हो उसे मानस कहते हैं।
यानि जिसके मान का संहार हो चुका हो वह मानस कहलाता है।
मा + अनस
मा = जन्मदात्री , जन्म के पश्चात पालन पोषण से लेकर सामाजिक जीवन शैली सिखाते हुये शिक्षा प्रदात्ती तक सफर करने वाली शुद्ध आत्मा
अनस = मित्रता
 
        अन्य शब्दों में :-
जो माता पिता को ईश्वर तुल्य मानकर सभी से मित्रवत व्यवहार करता हो वह मानस कहलाता है।
 
“” मात्र यह एक परिभाषा नहीं है यह मानव मात्र के जीवन को परिलक्षित करती हुई विचारधारा है।””
 

★ मानस का शाब्दिक अर्थ —-

आध्यात्मिक मूल्य व नैतिक मूल्यों की प्रधानता रखते हुए मानवता पर चलना ही मानस पंथ की ओर अग्रसर होना है।

मानस का अर्थ पंथ के सन्दर्भ में –

M – ( Mission ) लक्ष्य Making education, equality and independence are the mission of human top priority. शिक्षा, समानता व स्वावलंबन को मानव की सर्वोच्च प्राथमिकता का लक्ष्य बनाना।

A – ( Act ) कर्म Preserving nature is the service of God, registering it in the priority of act. प्रकृति का संरक्षण करना ही ईश्वर की सेवा है, इसको कर्म की प्राथमिकता में दर्ज करना।

N – ( Nature ) प्रकृति To be dedicated to establishing the ideology of racial equality in nature. प्रकृति में जातीय समानता की विचारधारा की स्थापना करने में समर्पित होना ।

A – ( Attribute ) गुण To attribute the same sentiment towards religious structure. धार्मिक ढांचे के प्रति समान भाव के गुण को चरितार्थ करना।

S – ( Sect ) धर्म Ensuring the dedication of true love in the creation of a new sect dedicated to human values. मानवीय मूल्य को समर्पित नए संप्रदाय के निर्माण में सच्चे प्रेम का समर्पण सुनिश्चित करना। 

“” जिसका लक्ष्य कर्म में प्रकृति के गुणों को धर्म रूप में आत्मसात करने का जज्बा हो, वह मानस कहलाता है। “”

पँथ का भावार्थ

“” आध्यात्मिकता पर सवार होकर ईश्वर की प्राप्ति का मार्गप्रशस्तीकरण ही पँथ कहलाता है। “”

“” मोक्ष की आकांक्षा में अनवरत अध्यात्म का अनुसरण मार्ग ही पँथ है। “”

“” जन्नत की चाहत में उसकी रजा / रसूल को समर्पित जीवनशैली ही पँथ कहलाती है। “”

★★★ ईश्वरीय शक्ति को रिझाने, मनाने में आस्था को समर्पित पूजा पद्वति / प्रार्थना या इबादत का असूल ही पँथ कहलाता है। ★★★

वैसे सामान्य परिप्रेक्ष्य में –

“”” भगवान को समर्पित भाव में सगुण / निर्गुण भक्ति मार्ग ही पँथ कहलाता है। “””

इस संसार में जो भी लोग पूजा पद्धति में विश्वास रखते हैं वे पँथ के अनुयायी हैं।

पँथ का शाब्दिक अर्थ

मानस पंथ में पंथ का विवेचन—

Meaning of Panth

P – PARDON ( क्षमा ) Where pardon beautifies the way. जहां क्षमा मार्ग को सुशोभित करती है।

A – AFFECTION ( प्रेम ) The path that affection stores. प्रेम जिस रास्ते को संचित करता है।

N – NEUTRALITY ( निष्पक्षता ) Where neutrality provides spotless and freedom path. जहां निष्पक्षता बेदाग और स्वतंत्रता पथ प्रदान करती है।

T – TENDERNESS ( दया ) Tenderness makes the road pure and poignant. दया डगर को निर्मल और मार्मिक बनाती है।

H – HONESTY ( ईमानदारी ) Honesty makes the thought pure. ईमानदारी जिस सोच को पवित्र बना दे।

जो प्राणि क्षमा, प्रेम, निष्पक्षता, दया व ईमानदारी के नियमों पर चलकर ईश्वरीय अनुभूति की चाहत रखता है। यथार्थ में तो वास्तविक जीवन में वह उसको महसूस कर चुका है। बस उस आनन्द को अन्तःकरण में नहीं सामने वाली मुस्कान में ही देखना होता है।

“” प्रकृति की मुस्कान ही ईश्वरीय शक्ति भान है। ” इस मंत्र साधना करवाने वाला मार्ग ही पँथ कहलाता है। “”

“” निर्धारित लक्ष्य कर्म में प्रकृति के गुणों को धर्म  व ” प्रकृति की मुस्कान ही ईश्वरीय शक्ति भान है ” इस मंत्र की सिध्दि हेतु प्रशस्त मार्ग ही मानस पँथ कहलाता है। “”

“” मानस पँथ मानवीय मूल्यों पर आधारित जीवन शैली को चरितार्थ करती हुई विचारशक्ति है। “”

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मानस पंथ की परिभाषा | मानस पंथ का अर्थ

 

मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

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Sanjay Nimiwal
Sanjay
1 year ago

🙏👌🙏

एक ऐसा पंथ जो …….

संघर्ष को सफलता में बदल दे,

ऐसे प्रेरणादायक सफल सुविचार।।

Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
1 year ago

बहुत सुन्दरअभिव्यक्ति।

मानवीय मूल्यों का विकास ही मनुष्यता का परम लक्ष्य होना चाहिए।

Devender
Devender
1 year ago

“जिसका लक्ष्य …….वह मानस कहलाता है।।

अति उत्तम

saurav Kumar
saurav
1 year ago

sahi kaha aapne aapke thoughts bahot achhe hai .. aap isi tarah apna kaam karte rahe .

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