पुत्री का अर्थ | पुत्री की परिभाषा
Definition of Daughter | Meaning of Daughter | Putri Ki Paribhasha
| पुत्री |
“” दम्पति को प्राकृतिक रूप से मादा रत्न की प्राप्ति ही उसे पुत्री बनाती है। “”
“” प्रजनन प्रक्रिया से किसी का मादा रूप में प्रकट होना ही उसे पुत्री कहलवाता है। “”
वैसे “” प “” से प्रेरणामयी
“” त्र “” से त्रिगुणात्मक
“” वैसे प्रेरणायुक्त का त्रिगुणात्मक 【 निष्ठावान, आज्ञापालक या संस्कार दात्री 】 होना उसे पुत्री कहलवाता है। “”
वैसे “” प “” से पदभार
“” उ “” से उऋण
“” त्र “” से त्रिदुःख 【 आध्यात्मिक, अधिभौतिक व आधिदैविक 】
“” वैसे पदभार लेकर उऋण त्रिदुःख के प्रयास में वचनबद्धता ही पुत्री कहलवाती है। “”
वैसे “” प “” से पद
“” उ “” से उत्तरदायित्व
“” त्र “” से त्रिताप 【 दैहिक, भौतिक व दैविक 】
“” वैसे पद जो उत्तरदायित्व निभाये त्रिताप में किसी एक की मुक्ति का तो वह संज्ञा पुत्री ही कहलवाती है। “”
“” मातृत्व के नैसर्गिक गुणों को चरितार्थ करती परछाई उसको पुत्री कहलवाती है। “”
“” किसी के वंश को बढ़ाने की शारीरिक शक्ति के साथ पिता को भी गौरवान्वित करने वाली लक्ष्मी पुत्री कहलाती है। “”
“” शिष्या के अनुरूप आचरण को साधने वाली संज्ञा को पुत्री कहा जाता है। “”
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पुत्री का अर्थ | पुत्री की परिभाषा
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
“पुत्री” माता- पिता के कोमल और मजबूत संस्कार से पूरित है, जो फलदायी वृक्ष के रूप में दूसरे के आँगन की शोभा बनती है , जिसका गौरव उसके जन्म दाता महसूस करते हैं |