नायक की परिभाषा | नायक का अर्थ
Definition of Hero | Meaning of Chief | Nayak ka Arth | Nayak Ki Paribhasha
“” नायक “”
“” दबे या कुचले न्याय को अपने अस्तित्व की परवाह किये बगैर आगाज़ देने जज्बा ही नायक बनाता है। “”
“” दीन हीन की आवाज बनने जनून प्राणी को नायक कहलवाता है। “”
वैसे “” न “” से नेतृत्व क्षमता
“” य “” से यथार्थ स्वरूप का ज्ञान
“” क “” से कर्मयोग का जज्बा
“” नेतृत्व क्षमता, यथार्थ स्वरूप का ज्ञान व कर्मयोग का जज्बा उसे नायक कहलवाता है। “”
वैसे “” न “” से नीति निर्धारक
“” य “” से योगदाता
“” क “” से कर्त्तव्यपरायण
“” जो नीति निर्धारक योग्य होने के साथ कर्त्तव्यपरायण भी हो तो वह नायक कहलाता है। ‘”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” समाज में अग्रिम पंक्ति खड़े होकर समस्याओं के निदान हेतु संघर्षकर्ता ही नायक कहलाता है। “”
“” अपने कार्यों से अचंभित कर दूसरे के लिये प्रेरणादायक बनना भी नायक कहलाता है। “”
“” विपरीत परिस्थितियों से निपटने हेतु अपने ज्ञान, सूझबूझ व दूरदर्शिता का परिचय देकर मिशाल पेश करना उसे नायक कहलवाता है। “”
“‘ नायक को कार्य के संचालनकर्ता का नाम नहीं है अपितु असाधारण व्यक्तित्व का परिचय ही उसे नायक कहलवाता है। “”
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नायक की परिभाषा | नायक का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
एक सच्चा नायक ….
झूठे सारे मिलकर भी वो काम नहीं कर पाते हैं,,
जो एक सच्चा देखते ही देखते कर जाता है।।।