न्याय की परिभाषा | न्याय का अर्थ
Definition of Justice | Meaning of Right | Nyay ki Paribhasha
“” न्याय “”
“” समानता की स्थिति को बनाये रखने हेतु सबको उचित सरंक्षण देना ही न्याय है। “”
“” भय व असुरक्षित वातावरण से मुक्ति ही प्राणी के लिए न्याय है। “”
वैसे “” न् “” से न्यूनतम
“” य “” से याचना
“” य “” से यातना
“” न्यूनतम याचना व यातना की स्थिति होना ही न्याय है। “
वैसे “” न् “” से नियम
“” य “” से यथार्थ परिस्थितियां
“” य “” से यथासम्भव उपयोग
“” नियम का यथार्थ परिस्थितियों हेतु यथासम्भव उपयोग होना ही न्याय है। “
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” अपने अधिकारों के प्रयोग में दूसरे के हितों का सरंक्षण भी तो न्याय ही है। “”
“”” न्याय सिर्फ दंड देने का विधान नहीं अपितु समरसता, समभाव और सद्भाव पैदा करने का युक्ति युक्त परम्परा है। “‘”
“‘ न्याय इंसान को सदाचारी व अनुशासित जीवन की ओर प्रेरित करता है ,
अतः न्याय अपने दायित्वों के प्रति सजग व उत्तरदायी बनाता है। “”
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न्याय की परिभाषा | न्याय का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
सटीक व्याख्या 👌👌👌
जब समय न्याय करता है,,,
तब किसी गवाही की जरूरत नही पाती ।।