उत्पत्ति की परिभाषा | उत्पत्ति का अर्थ
Definition of Origin | Meaning of Production | Utpatti Ki Paribhasha
| उत्पत्ति |
“” किसी विषय- वस्तु या विचार का अस्तित्व में आना ही उत्पत्ति कहलाता है। “”
वैसे “‘ उ “” से उचित जहां पहचाना व जताना नित्य व्यवहार का हिस्सा हो,
वहाँ कार्यकुशलता में निखार आना लाज़मी है;
“” त् “” से तत्व जहां ज्ञान की रुचि का विषय रहा,
वहाँ व्यक्तित्व का तार्किक व व्यापक होना स्वभाविक है ;
“” प “” से प्रादुर्भाव जहां और जब भी हुआ,
वहाँ वह प्रकृति व समाज के लिए हितकर ही रहा है ;
“” त् “” से तात्कालिक जहां पर प्रयोग में रहा ,
वहाँ उसने समकक्ष में सदैव साक्षी बनने का कार्य किया है ;
“” त “” से तस्वीर जहां व जब भी बनी,
वहाँ साक्ष्य के रूप में सदैव अहम उपस्थिति दर्ज की है;
“” वैसे उचित तत्व का जहाँ व जब भी प्रादुर्भाव हुआ,
वहाँ की तात्कालिक तस्वीर ही उत्पत्ति कहलाती है। “”
“” विचारों की उत्पत्ति सकारात्मक ऊर्जा का परिणाम ही नये आयामों यानि नवाचार का द्योतक है।
यही समाज की जरुरत भी है और “” मानस “” की विचारधारा भी। “”
“” अपनी उपस्थिति को प्रकृति में दर्ज करवाना ही उत्पत्ति कहलाता है। “”
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उत्पत्ति की परिभाषा | उत्पत्ति का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
धर्म से अर्थ,
अर्थ से भोग
और भोग से वैराग्य
की उत्पत्ति होती है।।