पँथ की परिभाषा | पँथ का अर्थ
Definition of Panth | Meaning of Panth | Panth Ki Paribhasha
पँथ की परिभाषा
मानस पंथ में पंथ का विवेचन—
Meaning of Panth
P – PARDON
क्षमा – “” सामर्थ्यवान होने के बावजूद गलती या अपराध के बदले के भाव का ह्रदय से त्याग ही क्षमा है “”।
सरल शब्दों में :-
द्वैषभाव के त्याग हेतु हृदय में पैदा हुआ मनोयोग ही क्षमा है।
A – AFFECTION
प्रेम – “” किसी प्राणी द्वारा अन्य की खुशी या उसका अस्तित्व बनाये रखने के लिये खुद को फ़नाह तक करने का जज्बा / दम्भ रखने को प्यार कहते हैं “”।
सरल शब्दों में :-
अंतर्मन से प्रफुटिसित भाव जहां दूसरे के हितों या समर्पित भाव को सरंक्षित करना हो वह प्रेम है।
N – NEUTRALITY
निष्पक्षता – “” पक्षपात रहित आचरण रहने का भाव ही निष्पक्षता है ‘
सरल शब्दों में :-
प्रभाव रहित / तठस्थ व्यवहार करना ही निष्पक्षता है।
T – TENDERNESS
दया – “”हृदय विदारित पीड़ा देख सहायता करने की प्रबल इच्छा ही दया है”” ।
सरल शब्दों में :-
किसी को अभाव में देख कर हृदय से उपकार हेतु हृदय में पैदा हुई भावना ही दया है।
H – HONESTY
ईमानदारी – “” सत्यनिष्ठा और कर्त्तव्यपरायणता में झूठ व छल के अभाव का होना ही ईमानदारी है “”।
सरल शब्दों में :-
मर्यादा व कर्त्तव्य का पूर्ण निष्ठा से पालन करना ही ईमानदारी है।
जो प्राणि क्षमा, प्रेम, निष्पक्षता, दया व ईमानदारी के नियमों पर चलकर ईश्वरीय अनुभूति की चाहत रखता है।
यथार्थ में तो वास्तविक जीवन में वह उसको महसूस कर चुका है। बस उस आनन्द को अन्तःकरण में नहीं, सामने वाली मुस्कान में ही देखना होता है।
“” प्रकृति की मुस्कान ही ईश्वरीय शक्ति भान है। ” इस मंत्र साधना करवाने वाला मार्ग ही पँथ कहलाता है। “”
यही मानस पंथ की सच्ची अवधारणा है।
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पँथ की परिभाषा | पँथ का अर्थ
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
great thought