जुर्म की परिभाषा | जुर्म क्या है
Definition of Recidivism | Meaning of Perpetration | Jurm Ki Paribhasha
“” जुर्म “”
“” कानूनी कार्यवाही जब आपके कर्मों की सजा सुना दे तो वे आपके जुर्म कहलाते है। “”
“” सवैंधानिक प्रकिया जब आपके कृत्यों पर जुर्माना अदायगी करवाये तो वे आपके जुर्म बनते हैं। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” ज “” से जलन की जाहिलियत
“” र “” से रोग
“” म “” से मतलबपरस्ती
“” जलन की जाहिलियत जब रोग बन मतलबपरस्ती पर सवार हो तो जुर्म में धकेलती है। “”
वैसे “” ज “” से जर्जर जमीर
“” र “” से रसिक हो कारगुजारियों का
“” म “” मदमस्त दम्भ
“” जर्जर जमीर जब रसिक हो कारगुजारियों पर तो मदमस्त दम्भ सिर्फ जुर्म की दलदल में फँसाता है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” शर्मिंदगी / बदनामी की तरफ़ ले जाने वाले कुकर्म ही जुर्म कहलाते हैं। “‘
“” सामाजिक व्यवहार में सकून हेतु अदा मूल्य जिस उदण्डता / मूर्खता के लिए चुकाया जाये वे आपके जुर्म कहलाते हैं। “”
—- “” सज़ायाफ़्ता होकर चुकाई गई आजादी की कीमत आपके जुर्म हैं। “” —-
“” जुर्म ज्यादातर जानबूझकर किये जाते हैं बाद में उनके लिए लीपापोती होती है,
और कुछ अनजाने में होते हैं जिसको प्राणी अपनी भरसक कोशिश से सुधारने में लगा रहता है। “”
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जुर्म की परिभाषा | जुर्म क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर व्याख्या 🙏🙏
जो करेगा,
वो भरेगा अवश्य ।।