अति का अर्थ | अति की परिभाषा
Definition of Very | Meaning of Very | Ati Ki Paribhasha
| अति |
“” हद के पार जाना अति कहलाता है। “”
“” सीमाओं में ना बंधना भी तो अति ही है। “”
वैसे “” अ “” से और अधिक
“” त “” से तकाजा
“” वैसे और अधिक तकाजे की जहाँ गुंजाइश हो वह अति कहलाता है। “”
वैसे “” अ “” से अपार
“” त “” से तफसील
“” वैसे जहां अपार तफसील की सम्भावना हो तो उसे अति कहते हैं। “”
“” जिसके थाह का पता ना चल सके वह अति कहलाता है। “‘
“” जो अंदाजे बयाँ ना किया जा सके वह अति कहलाता है। “”
“” किसी भी वस्तु या विचार के उपभोग में की गई अति सदैव ही दुःखदायी रहती है। “”
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अति का अर्थ | अति की परिभाषा
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
🙏👌🙏
अति तो हर बार हो जाती है पता नही क्यूं,,
पर क्या करें हमारी चाहत भी तो कुछ अलग है ।।