लिखने की परिभाषा | लिखने का अर्थ
Definition of Write | Likhane Ki Paribhasha | Meaning of Write
“” लिखना “”
Principles of Personal Performance
Fourth Step “” Write “”
“” व्यक्तिगत प्रदर्शन सिद्धांत के पंचतत्व में चतुर्थ पड़ाव “” लिखना “” है।
“” विचारों को अर्थपूर्ण उकेर कर व्यवहारिक रूप प्रदान करना ही तो लिखना है। “
“” भाव व सपनों को शब्दावली से रेखांकन से सारगर्भित दर्शाना ही तो लिखना कहलाता है। “”
“” ल “” से लयबद्ध जहां कार्य में होकर उसका निस्तारण हो,
वहाँ कार्य की कुशलता व गम्भीरता दोनों का परिचय देखने को मिलता है ;
“” ख “” से खबर 【 सूचना 】 जहां हर पल आपको सजग करती हो,
वहाँ नियमित रूप से अध्ययन करना आदत में शामिल होना लाजमी है ;
“” वैसे लयबद्ध जहां खबर 【 सूचना 】 हो वह लेख कहलाता है। “”
“” न “” से निरूपण जहां कार्य ही नहीं मानवीय व्यवहार में भी शामिल होने लगे,
वहाँ कार्य की गुणवत्ता ही नहीं कुशल नेतृत्व का उभरना भी अवश्यम्भावी है ;
“” वैसे लयबद्ध ख़बर 【 सूचना 】 का जहां निरूपण हो,
वहाँ वह लेखन कहलाता है। “”
“” वैसे लयबद्ध ख़बर 【 सूचना 】 का निस्तारण ही लिखना कहलाता है। “”
“” लिखना एक कला ही नहीं मनोवैज्ञानिक रूप सशक्त बनने व दिखने का एक माध्यम भी है। “”
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लिखने की परिभाषा | लिखने का अर्थ
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
शानदार लेखन
sunder chintan
शानदार लेखन 🙏👌🙏
लेखन
अदब सिखाता है…
विनम्र बनाता है…
कभी तारे तोङता है…
तो कभी आसमां झुकाता है…
ये शब्दों से प्रेम समझाता है…
पर प्रेम कहां किसी के समझ मे आता है।।।