मनुष्य जीवन : एक संघर्ष से विचारधारा की पुष्टि हेतु मंच | संसाधनों के येन केन प्रयोग से उपभोग करने का माध्यम
Human Life : A Platform for Affirmation of Ideology Through Struggle | A Way of Consumption of Resources to their Best Advantage
| मनुष्य जीवन |
दोहरा चरित्र जीने की मनुष्य की लत या सभ्य दिखने की चाह में दोगली मानसिकता के साथ जीने की मानस की मजबूरी !
क्यों दुनिया सच को सुनना नहीं चाहती है ?
क्यों दुनिया सच को बोलना नहीं चाहती है ?
क्यों दुनिया झूठ की चासनी को ही चाटना चाहती है ?
क्यों दुनिया भ्रम के जाल से बाहर निकलना नहीं चाहती है ?
क्यों दुनिया आडम्बर की ओढ़नी ओढ़े रखना चाहती है ?
क्यों दुनिया पाखण्ड के बवंडर से बाहर निकलना नहीं चाहती है ?
सब सवालों का मात्र एक ही जवाब जो मुझे लगता है –
“” हर प्राणी ने अपने ही नजरिया से नुक्ते , नियम और न्याय की परिभाषा गढ़ी है। “”
तब नैतिकता भी उसी के निर्णय पर टिकी है और दर्शायी भी जानी चाहिए। यही उसका मानना भी होगा और यही उसका सर्वमान्य , सार्वभौमिक व सर्वकालिक सत्य भी रहेगा। “” “”‘
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मनुष्य जीवन : एक संघर्ष से विचारधारा की पुष्टि हेतु मंच | संसाधनों के येन केन प्रयोग से उपभोग करने का माध्यम
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।