चार्वाक दर्शन किसे कहते हैं | चार्वाक दर्शन का परिचय
Introduction of Charvak Darshan | What is Charvak Darshan | Charvak Darshan Ki Paribhasha
| चार्वाक दर्शन |
कौन यहां किसको यूँ ही महान मानता है ,
यश पाने के लिए ज़नाब मिट्टी में मिट्टी होना होता है ;
आसान होता तो बन जाते लाखों बातों की जादूगरी करते हुए ,
कुछ बनने वास्ते यहां बुलन्दी के रास्ते पर खुद को ही जलाना होता है ;
वैसे चार्वाक में “”च”” से चतुर्भूत जहां पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल हो ,
वहां जड़ तत्व से चेतना उत्पन्न होने का दावा होता है ;
“”र”” से रोजमर्रा जहां व्यक्तिगत सुखों की परिकल्पना की जाती है ,
वहां धन उपार्जन चोरी से या अनैतिक हो इससे क्या फर्क पड़ता है ;
“”व”” से व्यवहारवाद में अनुमान, उपमान या शब्द प्रमाण महत्वहीन हो ,
वहां सिर्फ प्रत्यक्ष प्रमाण का ही बोलबाला होता है ;
“”क”” से क्रियाकलापों में काम / आनन्द पूर्ति की अभिलाषा हो ,
वहां धर्म व मोक्ष पुरुषार्थ का कोई अस्तित्व कहां होता है ;
ईश्वरीय शक्ति का अस्तित्व जो सिरे से नकारते हैं ,
वे नास्तिक कहां आत्मा व पुर्नजन्म को स्वीकारते हैं ;
चतुर्भूत के साथ रोजमर्रा में व्यवहारवाद द्वारा क्रियाकलापों में कार्यकारण सिद्धांत हो ,
ऐसे मतावलंबियों को कथन ही उसे “” चार्वाक दर्शन “” बनाता है ;
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चार्वाक दर्शन किसे कहते हैं | चार्वाक दर्शन का परिचय
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
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