स्वतंत्रता की परिभाषा | स्वतंत्रता का अर्थ
Definition of Independence | Meaning of Independence | Svatantrata Ki Paribhasha
| स्वतंत्रता |
“” जब कोई व्यवस्था दायित्वों के बदले मानवीय अधिकारों के प्रयोग की इजाजत दे तो वह स्वतंत्रता कहलाती है। “”
“” सामुहिक प्रयासों से बनायी गई ढाँचेगत प्रणाली के अंतर्गत अनुशासनात्मक जीवन निर्वहन ही स्वतंत्रता कहलाती है। “”
“” अपने मूल मानवीय अधिकारों का निर्विवाद, निर्विरोध व निरन्तर संचालन ही स्वतंत्रता कहलाती है। “”
वैसे “” स् “” से स्वतः संज्ञान
“” व “” से वास्तविकता के नजदीक
“” त “” से तर्कयुक्त के साथ व्यवहारिकता
“” न् “” से न्याय का सामान्य अधिकार
“” त्र “” से त्रिधिकारयुक्त 【आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक 】
“” त “” तत्कालीन प्रशासनिक व्यवस्था
“” जब स्वतः संज्ञान हेतु वास्तविकता के साथ तर्कयुक्त , न्याय का सामान्य अधिकार के प्रयोग में त्रिधिकार【आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक 】 की तत्कालीन प्रशासनिक व्यवस्था से अपेक्षाकृत परिणाम ही प्राणी की स्वतंत्रता कहलाती है। “”
“” तत्कालीन प्रसाशनिक व्यवस्था के अंतर्गत अनुशासनिक अधिकारों में मिली निर्णय लेने की स्वायत्तता ही स्वतंत्रता कहलाती है। “”
“” यदि कोई भी व्यक्ति अपनी पूर्ण स्वतंत्रता का कोई दावा करता है तो वह सिर्फ एक अज्ञानी ही है और कुछ नहीं ,
यानि
स्वतंत्रता प्रसाशनिक व्यवस्था के अंतर्गत दी गई मानवीय छूट भर है और कुछ नही । “”
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स्वतंत्रता की परिभाषा | स्वतंत्रता का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
विस्तृत एवं समुचित व्याख्या
स्वतंत्र कोई नहीं इस उलझन भरी
दुनिया में क्योंकि सभी को मलाल है कि
काश ऐसा होता॰॰॰॰॰
Great Speech
स्वतंत्र कौन है इस दुनिया में,,,
क्योंकि अंतर्मन तो सबका,
उलझनो से भरा हुआ है।।।
Absolutely right sir wakyi me sahi kha कैद se nikla चाहे wo pakshi chahe wo insan koi bhi ho wahi jaane स्वतंत्रता ka arth