श्रमिक की परिभाषा | श्रमिक का अर्थ
Meaning of Labor | Definition of Labor | Shaamik Ki Paribhasha
| Replica of Laboriousness , A Series of Sufferings |
| श्रम की प्रतिमूर्ति या फिर कष्टों की एक श्रृंखला |
श्रमिक का अर्थ भला क्या हो चला ,
सरल शब्दों में जो भूख मिटाने की दौड़ में जो भाग ले चला ;
दूजे सन्दर्भ में पापी पेट भरने को लाईन में जो लग चला ,
स्पष्ट रूप में जो अपने पैरों पर खड़े होने वास्ते भर्ती होने चला ;
वैसे “” श्र “” से जो “” श्रापित “” हो चला ,
मानस कहाँ उसके जीवन में सकूँ हो चला ;
“” म “” से जो “” मेहनतशील “” हो चला ,
झुका दे आसमां पर तकदीर का मारा बन चला ;
वैसे तो “” क “” से जो “” कारीगर “” बन चला ,
बस दो वक़्त की रोटी छोड़ बाकी सबमें मोहताज हो चला ;
सीधे श्रापित मेहनतशील कारीगर जो बन चला ,
वह दर दर की ठोकरें खाने के लिए ही पैदा हो चला ;
इनका दर्द मैं कहाँ तक बया करूँ भला ,
ज़मीर बचाने की होड़ में सम्मान कई बार पैरों तले रूंदा ;
जिन महलों की वो कभी शान हो था चला ;
महल छोड़ मंदिर जिसे बनाया बड़े चाव से उसमें भी सिर्फ “”” भक्त या फिर मात्र पंक्ति “” हो चला ;
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श्रमिक की परिभाषा | श्रमिक का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
श्रमिक की व्यथा का मार्मिक चित्रण