Wednesday, October 30, 2024

A virtue of Religion । धर्म का परिचय

More articles

धर्म का एक गुण । धर्म का परिचय
A virtue of Religion | Region of Identity

“” A virtue even after the demerits in religion””

“” धर्म / पँथ में अनेकों अवगुणों के पश्चात भी एक गुण यह भी “”

“” जनसंख्या की छंटनी का एक आधार भी धर्म / पँथ ही तो है। “”

“” देश या क्षेत्र के वर्गीकरण का भी एक आधार धर्म / पँथ ही तो है। “”

“” यही नहीं सीमाओँ में बटे क्षेत्र या राष्ट्र के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का नाम भी धर्म / पँथ ही तो है। “”

★★★ “” प्रचलित धर्म / पँथ को एक विचारधारा ही मान लिया जाये और कट्टरपंथ के चंगुल से मुक्त करवा लिया जाये तो यह मानवीय श्रेष्ठ कृति बन सकती है । “” ★★★

“” प्रचलित धर्म / पँथ में मूल तत्व ईश्वर के अलौकिक, अद्वितीय व अकल्पनीय शक्ति का स्वामी होने से बुराई नहीं अपितु उसको मुक्ति , वैभव व ऐश्वर्य प्रदाता के साथ सृष्टि के कार्य संचालन, नियंत्रण व निर्धारण के स्वामी दर्शाने से भी है। “”

These valuable are views on A virtue of Religion | Region of Identity
धर्म का एक गुण । धर्म का परिचय

मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

2 COMMENTS

Subscribe
Notify of
guest
2 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Sanjay Nimiwal
Sanjay
1 year ago

अतिसुन्दर 🙏🙏

कर्म अच्छे हो तो वही धर्म बन जाता है।।

Mahesh Soni
Member
1 year ago

धर्म मे जब तक पाप धोने की व्यवस्था है, तब तक लोग पाप करते रहेंगे ।

Latest