Affidavit of MANAS | मानस का शपथ पत्र
मानस का “” शपथपत्र “”
【1】. मैं 【 शपथकर्त्ता 】मानस पंथ को समर्पित होते हुए सर्वप्रथम मानवीय मूल्यों की समानता में अपनी आस्था प्रकट करता हूँ।
【2】. हम सर्वप्रथम एक इंसान हैं उसके उपरांत एक परिवार, समाज या राष्ट्र का हिस्सा हैं।
【3】. हम इंसानियत या मानवीय मूल्यों का अनुसरण करते हुए “” शिक्षा, आत्मरक्षा व स्वावलंबन “” के प्रति सजगता, जागरूकता के साथ निज आचरण में चरितार्थ करना ही हमारा परम् धर्म है।
【4】. हम ना ही किसी धार्मिक मार्ग या पंथ का समर्थन करते हैं और ना ही हम विरोध करते हैं अपितु धरातलीय ज्ञान “” प्रकृति की मुस्कान ही ईश्वरीय भान “” को स्वीकार्यता प्रदान करते हैं।
【5】. हम बिना किसी छिद्रान्वेषण के प्राणित्व यानि 【महिलाओं व वंचित, शोषित , पिछड़े वर्ग 】के लिए समानता व सम्मानजनक स्थितियों के निर्माण व प्रोत्साहित करना ही हमारा परम् ध्येय है।
【6】. हमारा आध्यात्मिक आदर्श का आधार क्षमा, प्रेम, निष्पक्षता, दया व ईमानदारी के नियमों का निज व्यवहार में सँजोकर समरसता, अहिष्णुता व सहयोग की भावना को पुनः जीवंत करना है ।
【7】. हम गुरू परम्परा में माता पिता के बाद स्वयं को ही गुरु मान्य करते हैं।
【8】. हमारा मन, वचन व कर्म से किसी के हृदयाघात नहीं पहुंचाना व इसके लिए सदैव प्रयासरत रहना है।
【9】. हम सदैव सामाजिक कुरीतियों व धार्मिक पाखण्ड में मोक्ष आदि का समर्थन नहीं करते हैं बल्कि वैज्ञानिकता के आधार पर खण्डन करते हैं।
【10】. हम भगवान को ढूंढने या प्राप्ति में ( तन्त्र, मंत्र, यन्त्र ) साधना का प्रयोग के बजाय प्रकृति की प्रवृत्ति यानि नियमों में विश्वास रखते हैं।
Affidavit of MANAS | मानस का शपथ पत्र
शपथकर्ता
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
great thought