प्रतिस्पर्धा की परिभाषा | प्रतिस्पर्धा क्या है
Definition of Rivalry | Meaning of Contestation | Pratispartha Ki Paribhasha
“” प्रतिस्पर्धा “”
“” दूसरों को पछाड़ कर अपना लोहा मनवाने की कलात्मक प्रवृत्ति ही प्रतिस्पर्धा है। “”
“” भीड़ में भी अपने को अलग बनाने का कौशल ही प्रतिस्पर्धा है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” प “” से प्रतिकार
“” र “” से रोषपूर्ण
“” त “” से तकाज़ा
“” स् “” से संजीदगी
“” प “” से प्रमाणिकता
“” र “” से रस्साकशी
“” ध “” से धारण
“” प्रतिकार जब रोषपूर्ण तकाज़े हेतु संजीदगी में प्रामाणिकता के वास्ते रस्साकशी धारण कर लेना ही प्रतिस्पर्धा कहलाती है। “”
वैसे “” प “” से प्रतिबिंब
“” र “” से रति
“” त “” से तीव्रता
“” स् “” से सर्वश्रेष्ठ
“” प “” से प्रयास
“” र “” से रस्म अदायगी
“” ध “” से धमाल
“” प्रतिबिंब रति की तीव्रता जब सर्वश्रेष्ठ प्रयास हेतु रस्मअदायगी न होकर धमक / धमाल मचाने के लिए हों, तो वह प्रतिस्पर्धा कहलाती है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” अपने व पराये में भेद मिटाकर अलग वजूद बनाने हेतु संघर्षरत रहना ही प्रतिस्पर्धा है। “‘
“‘ किसी विशेष से दो – दो हाथ करने की कवायद हेतु लामबद्धता ही प्रतिस्पर्धा है। “”
—– “” प्रतिस्पर्धा अधिकतर सिर्फ असन्तोष, अलगाव व अतिमहत्वाकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। “” —–
“” प्रतिस्पर्धा जरूरत की नहीं एक अंधी दौड़ की पैदाइश है,
और अहम की सिद्धि की परिचायक भी। “”
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प्रतिस्पर्धा की परिभाषा | प्रतिस्पर्धा क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
Well said
प्रतिस्पर्धा का उद्देश्य अच्छा और सकारात्मक होना चाहिए । प्रतिस्पर्धा का परिणाम किसी को नीचे गिराने, अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए नहीं होना चाहिए ।
👌👌
अगर आपकी प्रतिस्पर्धा खुद से है,
तो आप निरन्तर आगे बढते रहेंगे,
वरना आप टूट जाएंगे ।।।