सेवक की परिभाषा | सेवक का अर्थ
Definition of Servant | Meaning of Devotee | Sevak Ki Paribhasha
“” सेवक “”
“” स्वामित्व के अधीन अपने आत्मसम्मान की परवाह किये बगैर सेवारत रहने का जज्बा ही सेवक बनाता है। “”
“” निष्ठापूर्वक किसी के लिए कार्य हेतु समर्पित रहना ही सेवक कहलाता है। “”
वैसे “” स “” से समर्पित
“” व “” से वजूद
“” क “” से कर्मयोग
“” समर्पित वजूद के साथ कर्मयोग ही सेवक कहलवाता है। “”
वैसे “” स “” से सच्ची निष्ठायुक्त
“” व “” से विधिवत विधान
“” क “” से कार्य की अनुपालना
“” सच्ची निष्ठा व विधिवत विधान से कार्य की अनुपालना के गुण ही सेवक का निर्माण करते हैं। ‘”
वैसे “” स “” से सत्यनिष्ठ
“” व “” से वचनबद्ध
“” क “” से कर्त्तव्यनिष्ठ
“” जो सत्यनिष्ठ, वचनबद्ध व कर्त्तव्यनिष्ठ हो वह सेवक कहलाता है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” अधीनस्थ होने के उपरांत भी गौरवपूर्ण कर्त्तव्य निर्वहन पर, वह सेवक कहलवाता है। “”
“” सेवा भाव की रति में खुद को होम देना ही सेवक बनाता है। “”
“” अपने कर्त्तव्यबोध का सत्यनिष्ठा से पालन करना ही उसे सेवक कहलवाता है। “”
“‘ सेवा का मतलब दासता नहीं सिर्फ 100% समर्पण है। “”
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सेवक की परिभाषा | सेवक का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
Jo satay nisth…….kahlata hai. !!
Shandaar lekhan
सटीक व्याख्या 🙏👌🙏
किसी जरूरतमंद का सहारा बनना ही सच्ची सेवा है।