“” शिक्षक की परिभाषा “” या “” शिक्षक का अर्थ “”
“” Definition of Teacher “” OR “” Meaning of Teacher “”
“” शिक्षक “”
“” शिक्षा प्रदाता ही शिक्षक है। “”
“” प्राणी जीवन की दशा व दिशासूचक ही शिक्षक है। “”
“” वर्ग से ऊपर शिक्षा से मानवीय कल्याण को समर्पित प्राणी शिक्षक कहलाता है। “”
वैसे “” श “” से शिक्षित जहां बनना मानवीय मूल्यों की प्राथमिकता में हो ,
वहाँ संस्कारों का उच्चतम पायदान पर होना स्वभाविक हो जाता है ;
“” क्ष “” से क्षमाशील जहां बनना निज स्वभाव के अग्रणी गुणों में आता हो,
वहाँ प्राणी गम्भीर परिस्थितियों में भी धैर्यवान, शालीन व शिष्ट होना अवश्यम्भावी है ;
“” क “” से कर्मयोगी जहां बनना सिद्धान्तों व नैतिक मूल्यों की सर्वोच्चता में शामिल हो,
वहाँ इंसान अपने से ज्यादा दूसरे के वजूद को निखारने व बनाये रखने में भरसक प्रयत्न करता है ;
वैसे शिक्षित के साथ क्षमाशील हो,
व कर्मयोगी बन किसी के जीवन में रोशनी करना शिक्षक बनाता है।
“” एक जिज्ञासु, कर्मठ व विवेचनायुक्त विद्यार्थी ही सच्चा शिक्षक बनता है। “”
“” शिक्षा पर हर प्राणी का हक है व
मूलभूत आवश्यकताओं में एक
और “” मानस “” की विचारशक्ति का सर्वोच्च प्राथमिक लक्ष्य भी। “”
क्योंकि हर गरीब 【 शोषित, वंचित व उत्पीड़ित 】को शिक्षा से ही सम्मानित व गौरवान्वित जीवन की प्राप्ति हो सकती है।
इसीलिये हर घर आँगन शिक्षादीप जलाने में हर संभव हाथ बढ़ायें ”
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
व्यापक एवं सार्थक परिभाषा
गुरू के बिना ज्ञान कहाँ ___
ज्ञान के बिना मान कहाँ ।।।।
एक गुरु का कर्तव्य है कि वह अपने शिष्यों को सही मार्ग दर्शन करवाये।
जो शिष्य अपने गुरु की आज्ञा का पालन करता है और सही पथ पर अग्रसित रहता है, वह निश्चित ही अपनी मंजिल प्राप्त कर लेता है।