तृष्णा की परिभाषा | तृष्णा का अर्थ
Definition of Thirst | Meaning of Craving | Trishna Ki Paribhasha
“” तृष्णा “”
“” किसी की प्राप्ति हेतु हुआ तीव्र मनोवेग ही तृष्णा है। “”
“” कार्य के प्रति उत्पन्न अत्यंत उत्सुकता वाली मनोवृत्ति ही तृष्णा कहलाती है। “”
वैसे “” त “” से तीव्रता
“” र्”” से रस्म
“” ष् “” से षड़यंत्र
“” ण “” से न्यौछावर
“” तीव्रता की रस्म में की आड़ में षड़यंत्र जब न्यौछावर की कल्पना करे तो वह तृष्णा है। “
“” किसी को विशेषांश मानकर जब अति शीघ्रता दर्ज करवाई जाये तो वह तृष्णा है। “”
“” प्रतीक्षा में जब व्याकुलता भी दिखने लगे तो वह तृष्णा कहलाती है। “”
“” तृष्णा रखना बुरा नहीं है अपितु मानवीय मूल्यों में इसको बुरा माना जाता है क्योंकि इसमें धैर्य के साथ संतोष और फिर मन की शान्ति भी छूटने लगती है “”
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तृष्णा की परिभाषा | तृष्णा का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
अतिसुन्दर 👌👌👌
हर रोज भागते है
अपने आप से मिलने,
कभी तो तृष्णा पूर्ण होगी।।