कब की परिभाषा | कब का अर्थ
Definition of When | Meaning of When | Kab Ki Paribhasha
Principles of Self Determination
Third Step “” When “”
आत्मनिर्णय | कार्यकारण सिद्धांत के पंचतत्व में तृतीय पड़ाव
“” कब “” ही तो है।
“” कब “”
“” कार्य सम्पूर्णता की घड़ी जब निश्चित हो तो वह कब से ही सम्बोधित होती है। “”
“” वक़्त की धुरी कब से ही तो अपनी गिनती का आरम्भ करवाती है। “”
“” मौका जब लक्ष्य की साध्यता से सिद्धार्थ दिखाने का हो तो काल का निर्धारण बिना कब तक के सम्भव ही नहीं। “”
“” वैसे मानस के अंदाज में –
“” क “” से कार्यसिद्धि जहां प्राणों की बाजी से बनी हो,
वहाँ जादुई आंकड़ों के साथ ही परिणाम नजर आते हैं ;
“” ब “” से बेमियादी पाबंदी जहां भी कार्य निस्तारण हेतु लगाई जाती है,
वहाँ कभी कभी सफलता आंकड़ों पर नहीं मेहनत के तरीकों पर सन्तोष जाहिर करवाती है ;
“” वैसे कार्यसिद्धि की बाध्यता या बेमियादी पाबंदी ही कब | कब तक से रूबरू करवाती है। “”
“” कब प्रश्न समयावधि का प्रतिनिधित्व करता है। “”
“” समय का पहिया सबसे बलवान जो कभी राजा को रंक , डाकू को सन्त और फकीर को भगवान भी बना बना देता है। “‘
These valuable are views on Definition of When | Meaning of When | Kab Ki Paribhasha.
कब की परिभाषा | कब का अर्थ
कब की परिभाषा | कब का अर्थ
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
"ब"से बेमियादी….. संतोष जाहिर करवाती है ।।
अतिसुंदर विष्लेषण
"ब" से बेमियादी……… संतोष जाहिर करवाती है ।।।
शानदार विश्लेषण 👌✍️
sunder chintan