कहाँ की परिभाषा | कहाँ का अर्थ
Definition of Where | Meaning of Where | Khan Ki Paribhasha
Definition of Where | Meaning of Where | Khan Ki Paribhasha
Principles of Self Determination
Fourth Step “” Where “”
“” कहाँ “”
★★ आत्मचिंतन / कार्यकारण सिद्धांत के पंचतत्व में
चतुर्थ पड़ाव “” कहाँ “” ही तो है। ★★
“” कार्य क्षेत्र की सरहद का निर्धारण सिर्फ कहाँ से ही तो होता है। “”
“” पराकाष्ठा किसी भी सोव / विचार की सीमाओं को सिर्फ कहाँ से ही तो सम्बोधन करवाती है। “”
“” मंजिल का स्वागत या गन्तव्य तक की पहुंच दोनों में कहाँ का निर्धारण पहले ही करना होता है। “”
“” वैसे मानस के अंदाज में –
“” क “” से कार्यप्रणाली जहां पहले से ही निर्धारित कर फिर कार्य का संचालन किया जाये ,
वहाँ कार्य निष्पादन बड़े ही सलीके किया जाता है ;
“” ह “” से हद जहां बंधन मुक्त ना होकर परिधि / घेरे की मोहताज हो,
वहाँ परिणाम बहुत कुछ पहले ही अनुमानित हो जाते हैं ;
“” वैसे कार्यप्रणाली की हद ही कहाँ / कहाँ तक से परिचय करवाती है। “”
“” कहाँ प्रश्न सीमा / स्थान का प्रतिनिधित्व करता है। “”
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कहाँ की परिभाषा | कहाँ का अर्थ
"वैसे मानस के अंदाज से लेकर
स्थान का प्रतिनिधित्व करता है ।।।
शानदार लेखन ।
sunder chintan