Thursday, November 21, 2024

दशहरा | Meaning of Dussehra

More articles

दशहरा | Meaning of Dussehra

“” दशहरा “”

रावण के एक तरफ सिर के प्रतीक
काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार

तो दूसरे तरफ के
– तप, नीति , भक्ति, ज्ञान एवं बल

————– प्रेरणा ———-

जब इस सृष्टि के प्रकांड विद्वान, महान तपस्वी और कुशल योद्धा का एक अवगुण की अधिकता के सिर चढ़कर बोलने से ही सम्पूर्ण साम्राज्य, सर्व कुटुम्ब और ऐश्वर्य का क्षरण हो सकता है तो ;

आप और हम को आत्मावलोकन करते हुए, अंतर्निहित सब विकारों को दूर करते हुए सदमार्ग पर मानवीय मूल्यों के साथ जीवन निर्वहन करना ही चाहिए।

आज के दौर में राजनैतिक मूल्यों में पतन के साथ साथ न्यायिक प्रकिया में भी नैतिक मूल्यों में भारी गिरावट दर्ज हुई है।

क्योंकि न हो वहाँ पर भी तो मानव ही है कोई देव पुरुष थोड़ी न है। उसकी भी तो निजी विचारधारा है।

“” एकतरफा झुकाव या असंदिग्ध भाषा या अस्पष्ट निर्णय या विशेष आकर्षण की चाह या राजनैतिक दबाव या सामाजिक दबाव उनके निर्णय में भी झलक सकता है। “”

उनके नैतिक मूल्यों में क्षरण होना या झलक मिलना अब ताज्जुब नहीं करता।

【 पहले स्वतः संज्ञान भी इच्छानुसार
दूसरा उसमें भी भेदभावपूर्ण रवैये से निर्णायक भूमिका।
इस मनचले फैसलों ने कुछ और विध्वंसक, क्रूर घटनाओं को हालफिलहाल में जन्म दिया।

“” अब उग्र या प्रायोजित या सुनियोजित भीड़तंत्र तय करती है उसे क्या करना है, इसे कहते हैं माफिया राज, गुंडाराज या फिर दहशत न कि कानून राज “” 】

【 अब न्यायाधीश न्यायमूर्ति नहीं रहे उन्हें स्वैच्छिक त्यागपत्र देकर आम आदमी की पीड़ा को महसूस करना चाहिये न कि अपनी बारी का इंतजार 】

“” सुनियोजित उग्र अराजक भीड़तंत्र आज के दौर रावणराज 【गुंडाराज】 व
कल का नक्सलवाद / उग्रवाद है और इसका एकमात्र हल संवैधानिक प्रक्रिया में नैतिकता की सर्वोच्चता। “”

“” रावण के अवगुण प्रत्येक प्राणी में विद्यमान है,
परन्तु शिक्षा , समानता व स्वावलंबन उसके दमन चक्र या औषधि और
न्याय प्रणाली उसके लिये दण्डाधिकारी
मानवीय मूल्यों का अनुसरण ही उनकी बंदीगृह। “”

आज एक नव विचारधारा का शुभारंभ यानि जीवन में एक युगान्तकारी कदम  — “” मोक्ष पथ “”
“” एक कदम प्रकृति को महसूस करने / जानने की ओर “”

These valuable are views on | दशहरा | Meaning of Dussehra

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की पुनःस्थापना में अपनी भूमिका का निडरतापूर्वक निर्वहन।

3 COMMENTS

Subscribe
Notify of
guest
3 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Shintu Mishra
Shintu Mishra
2 years ago

Right sir

Sanjay Nimiwal
Sanjay nimiwal
1 year ago

🙏👌🙏

In a world filled with evil
your kindness is a gift of love.

Devender
Davander Kumar
1 year ago

शानदार विचारशील लेखन,
लेकिन हर मनुष्य में एक रावण है
जब तक ये अपने अंदरुनी रावण रूपी
अंहकार,लोभ, क्रोध को नहीं मारेंगे तब तक
रावणराज ऐसे ही चलता रहेगा।।

Latest