Ardhsatya / अर्धसत्य
“”” बन्दूक की गोली खाने, खाद्य पदार्थ में ज़हर व अर्धसत्य ” Ardhsatya ” के सुनने “” तीनों में एक चुनाव करना पड़े तो “”
● बन्दूक की गोली खाने –
प्राण बच भी सकते हैं हानि हुई भी तो केवल एक जान जाने की संभावना।
◆ खाद्य पदार्थ में ज़हर –
प्राण बचने की संभावनाएं कम ही होती हैं ,
हानि हुई भी तो कुछेक जान जाने तक का खतरा बढ़ जाता है।
● अर्धसत्य के सुनने से –
पारिवारिक जीवन में संदेह, अविश्वास व रिश्तों में दरार आना लाज़मी है।
सामाजिक जीवन में भरोसे का तार तार होना, भाईचारे का टूटना, अलगाव का सिर चढ़कर बोलना अवश्यम्भावी होता है।
एक कहावत है
“” करेला ऊपर से नीम चढ़ा “”
इसी तरह
“” जब अर्धसत्य निज स्वार्थों की पूर्ति हेतु छद्म, कुटिल, धूर्त राजनैतिक साध्य का माध्यम बनने लगे तो ——- “”
परिणामस्वरूप
मानवीय दृष्टि से सामाजिक ताने बाने का विषैला, विध्वंसक व अक्षतिपूर्तिनीय घावों का बनना लाज़मी होता है।
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामान्य ज्ञान को व्यवहारिकता के साथ प्रस्तुत करवाना।
Useful for life
अति उत्तम
sunder chintan