हृदय की परिभाषा | हृदय क्या है
Definition of Affection | Meaning of Feeling | Hridya Ki Paribhasha
“” हृदय “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” वास्तविकता से दूर प्रेम, करुणा व मोह से ओतप्रोत निर्णायक विचारधारा का मूल ही हृदय कहलाता है। “‘
वैसे “” ह “” से हसरत हो प्यार की
“” र “” से राहत हो कष्ट से
“” द “” से दुलार हो सबसे
“” य “” से याराने की चाहत
“” हसरत हो प्यार की ,राहत हो कष्ट से, दुलार हो सबसे व याराने की चाहत ये सभी पवित्र हृदय के लक्षण ही तो हैं। “”
वैसे “” ह “” से होड़ हो अपनत्व की
“” र “” से रोम रोम में सहयोग
“” द “” से दरमियाँ हो इश्क़
“” य “” से योग्यता हो अज़ीज बनाने की
“” जिस विचारधारा में होड़ हो अपनत्व की, रोम रोम में सहयोग , दरमियाँ हो इश्क़ व योग्यता हो अज़ीज बनाने की तो ये सब गुण साफ़ हृदय की ही कल्पना साकार करते हैं। “”
वैसे “” ह “” से हर्षोल्लास की प्यास
“” र “” से रिश्ता बने जहां प्यार का
“” द “” से दक्षता हो सबके साथ की
“” य “” से योगदान में हो मानवता का ऐतबार
“” हर्षोल्लास की प्यास, रिश्ता बने जहां प्यार के , दक्षता हो सबके साथ की व योगदान में हो मानवता का ऐतबार तो सब विशिष्टताएँ निर्मल हृदय का निर्माण करती हैं। “”
मानस की विचारधारा में –
हर + दय
“‘ हर प्राणी के लिए दया भाव की मौजूदगी ही भाषा शैली में हृदय से रूबरू करवाती है। “”
“” हृदय ,आत्मा , दिल वैसे मन के ही समानार्थी शब्दों में से एक है। “”
“” विज्ञान जगत का हृदय ना सोचने और ना ही निर्णय लेने में सक्षम है। “”
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हृदय की परिभाषा | हृदय क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
विशिष्ट अर्थ
बहुत सुन्दर व्याख्या 🙏🙏🙏
खूबसूरती हृदय और जमीर में होनी चाहिए,
लोग बेवजह उसे शक्ल और कपड़ों में टटोलते हैं….