विश्वास की परिभाषा | विश्वास का अर्थ
Definition of Believe | Meaning of Faith | Vishwas Ki Paribhasha
“” विश्वास “”
“” किसी प्राणी द्वारा दूसरे प्राणी या तत्व के अंतर्निहित लक्षण (गुण एवं दोष) व उनकी कर्त्तव्यनिष्ठा पर मार्मिक ही स्पर्श ही विश्वास कहलाता है। “”
“” कर्म व वचन का सत्य से घनिष्ठ सम्बन्धों का अहसास दिलाने की अनिरुद्ध प्रक्रिया ही विश्वास कहलाता है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” व “” से वचनबद्धता जहां रोजमर्रा की आदत में शुमार हो,
वहाँ व्यक्तित्व प्रभावशाली के साथ सम्मानीय भी रहता है ;
“” श् “” से शालीनता जहां व्यक्तित्व का सर्वश्रेष्ठ गहना बनता है,
वहाँ वह बहुत सारे अवगुणों को भी ढकने की क्षमता रखता है;
“” व ‘” से विनम्रतापूर्वक जहां कार्यव्यवहार किया गया हो,
वहाँ अड़ियल से भी अड़ियल को अपने विचारों से सहमत किया जा सकता है ;
“” स “” से सत्यनिष्ठा जहां व्यवहारिकता की धरोहर बन जाये,
वहां मानसिक तनाव व विचलन से सदैव मुक्ति मिल जाती है;
“‘ वैसे वचनबद्धता जहां शालीनता व विनम्रतापूर्वक कार्यशैली की शोभा बन जाये,
वहाँ सत्यनिष्ठा द्वारा कमाई गई पूंजी ही विश्वास है । “”
“” अपने समक्ष प्रस्तुत विचारों को बिना अंतर्द्वंद्व व शंका रहित निर्विवाद रूप से स्वागत की परम्परा ही विश्वास है। “”
विश्वास अनमोल उपहार होता है इसे निज पूंजी में बदलना एक साहसिक कदम व शालीनता का प्रतीक है।
अत: मानव मात्र को इसे कमाना व सँजोये रखना जरूर सीखना भी चाहिए ताकि वक़्त पड़ने पर उसे बांटा भी जा सके।
यही “” मानस “” की पहली प्राथमिकी भी और वक्त की जरूरत भी।
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विश्वास की परिभाषा | विश्वास का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
विश्वास जीतना बड़ी बात नहीं है,
विश्वास बनाए रखना ही बड़ी बात है।
कड़वा सच….
जब आपकी इच्छा की पूर्ति नहीं हो पाती,
तब आपका विश्वास टूट जाता है । । । ।
जिस प्रकार विश्वाश हमारे शरीर को चलाता है उसी प्रकार विश्वाश हमारे संबंधों को चलाता है।
जिंदगी परिवर्तनों से ही बनी है ,किसी भी परिवर्तन से गबराये नहीं बल्कि स्वीकार करें।कुछ परिवर्तन आपको सफलता दिलवाएंगे तो कुछ सफल होने के गुण सिखाएंगे।