अंधभक्ति की परिभाषा | अंधभक्ति क्या है
Definition of Blind Devotion | Meaning of Blind Faith | Andhbhakti Ki Paribhasha
“” अंधभक्ति “”
“” किसी व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व को बनाये रखने हेतु प्रतिकूल परिस्थितियों में भी नतमस्तक होना अंधभक्ति कहलाती है। “”
“” किसी के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के सरंक्षण में अपने सर्वहितकारी विचारों के विरुद्ध अनुमोदन ही अंधभक्ति कहलाती है। “”
“” किसी के प्रति हृदय समर्पित भाव जहां स्वाभिमान व सर्वकल्याण को भी ताक रख दिया जाये तो वह अंधभक्ति है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” अ “” से आदतन
“” न् “” से निर्विवाद
“” ध “” से धारणा
“” भ “” से भावविह्वल
“” क् “” से करबद्ध
“” त “” से तपस्या
“” आदतन निर्विवाद धारणा को भावविह्वल करबद्ध तपस्या में बदल देना ही अंधभक्ति कहलाती है। “”
वैसे “” अंध “” से बिना सोच विचार
“” भक्ति “” भावना व करुणा का तादात्म्य
“” बिना सोच विचार के भावना व करुणा का तादात्म्य स्वीकार कर लेना ही अंधभक्ति कहलाती है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” अटूट विश्वास जब श्रद्धामय होकर अनियंत्रित हो जाये तो वह अंधभक्ति कहलाती है। “”
“” जब दूसरे पक्ष को सिरे से ही अनभिज्ञ कर दिया जाये तो वह अंधभक्ति कहलाती है। “‘
—- “” अंधभक्ति सामने वाले को निरंकुश, क्रूर व दम्भी बनाती है। “” —-
“” प्रेम की अधिकता पहले मोह और फिर हिये की अंधी बनाती है। “”
These valuable are views on Definition of Blind Devotion | Meaning of Blind Faith | Andhbhakti Ki Paribhasha .
अंधभक्ति की परिभाषा | अंधभक्ति क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर व्याख्या 🙏🙏
अंधभक्ति ओढ हुए,
अंधा भया जहान ।
Hi bhut khub