प्यार पागलपन की परिभाषा | प्यार की इन्तहा अर्थ
Meaning of Extreme Love | Definition of Extreme Love | Pyar Ke Pagalpan Ki Paribhasha
Extreme Love
| प्यार की इन्तहा |
मैं गुनाहगार हूँ तेरा, जब जब ये एहसास होता है ;
तू सामने न भी हो, तब भी तेरे होने का मुझे आभास होता है।
लाखों मिठाइयाँ चख डाली , पर हर स्वाद उसके आगे बेस्वाद होता है ;
मगर न जाने क्यों तेरी परोसी, हर चीज में ही मिठास होता है।
अंधियारा दूर हो हजारों दीये जला दिये, लगता था इन्हीं से ही घर रोशन होता है ;
कैसा जादू है तेरे कदमों का, पड़ते ही जगमग हुआ घर रोशन और यहाँ अब उल्लास भी होता है।
हजारों मिले हमसे इस खुशफ़हमी में, एक पल उनके साथ बिताना है ;
जो ढूँढने लगे उनकी आँखों में सूरत तेरी, तो हर बार मेरा परिहास होता है।
बदहवास जहर अपनी प्यारा बुझाने भी आया, बेआबरू हो तेरे कूचे से हर बार हर किसी को जाना होता है ;
जो पी तेरी शबे शरबत, तो जीते जी ऐतबार ऐ जन्नत का अहसास भी होता है।
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प्यार पागलपन की परिभाषा | प्यार की इन्तहा अर्थ
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
वाह क्या बात है।
आभार
उसे रास ही ना आया मेरा प्यार वरना…..
मैंने तो उसे जीते जी खुदा बना दिया था ।।।
आपने तो अंतर्मन को ही झकझोर दिया जनाब। बहुत ही खूब।
Good
Nice