भूत की परिभाषा | भूत का अर्थ
Definition of Ghost | Meaning of Ghost | Bhoot Ki Paribhasha
| भूत |
पौराणिक कथाओं व मान्यताओं के अनुसार –
“” दुर्घटनावश मृत्यु के पश्चात मुक्ति विहीन आत्मा भी तो भूत है। “”
“” असन्तुलन, असन्तोष व अविश्वास से ग्रसित आत्मा का मानवीय सम्प्रेषण करना उसे भूत कहलवाता है। “‘
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” भ”‘ से भ्रमजाल
“” त “” से तस्वीर
“” भ्रमजाल से बनी तस्वीर ही भूत है। “”
वैसे “” भ “‘ से भयवश
“” त “” से तनावपूर्ण परिस्थिति सूचक तर्क
“” भयवश तनावपूर्ण परिस्थिति सूचक तर्क की अनुभूति ही भूत से रूबरू करवाती है। “”
वैसे “” भ “‘ से भयव्याप्त
“” त “” से तकरीर
“” भयव्याप्त तकरीर की उपस्थिति का स्वीकार्यता ही भूत से परिचय करवाती है। “”
“” मनोविकार के परिणामस्वरूप अजीब सी परिस्थितियों में अवर्णनीय आकृति से साक्षात्कार ही उसे भूत कहलवाता है। “”
“” वास्तविकता से दूर भययुक्त वातावरण से उपजी मनोकृति का अहसास भूत है। “”
“” भूत मनोरोग से उत्पन्न विकार और मृत्युलोक में विचरण करती असन्तुष्ट आत्मा भी कही जा सकती है। “”
These valuable views on Definition of Ghost | Meaning of Ghost | Bhoot Ki Paribhasha
भूत की परिभाषा | भूत का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
भूत एक मनोविकार से ग्रसित असंतोषी ,अतृप्ता आत्मा नहीं बल्कि जीवन में घट चुकी अतीत की वह घटना है, जो मनुष्य को आज और भविष्य के लिए सही मार्ग का पथ प्रदर्शन करवाती हैं।
भूत तो भूत होता है ,
प्रवृत्ति वश डराएगा, हिलाएगा, गिराएगा
पीछे की ओट से सामने आकर, अचंभित भी करेगा ।
शांत मन को झंकृत कर ,भयभीत भी करेगा ।
मन के दर्पण पर, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं भी खींच देगा ।
उन्नत और उच्च भाल पर, शिकन का भाव भी कर देगा ।
सुंदर चेहरे की मीठी मुस्कान को, अदृश्य भी कर देगा |
असीमित भावों की ग्रंथि, की चिता भी कर देगा |
भीरू है तो ,डर कर ,कदम आगे नहीं बढ़ाएगा।
निर्भीक है तो, बांध भूत को कर्म डोर से, जीवन सफल बनाएगा।- प्रोफेसर सरला जांगिड़
सटीक व्याख्या 🙏👌🙏
भूतों के दिल में भी,
दर्द तो कोई जरूर होगा,,
ऐसे ही किसी को अंधेरों से
मोहब्बत नहीं होती।।।