पाखण्ड की परिभाषा | पाखण्ड का अर्थ
Definition of Hypocrisy | Meaning of Double Standard | Pakhand Ki Paribhasha
| पाखण्ड |
“” किसी विचारधारा की पुष्टि में विकृति की मिलावट का प्रयोग ही पाखण्ड कहलाता है। “”
“” किसी कार्य को पूरा करने में बढ़ चढ़कर या अधिक चतुराई से दिखाने का प्रयास पाखण्ड कहलाता है। “”
वैसे “” प “” से परम्परा जहां बनाया रखना बेहद जरूरी हो ,
वहाँ अनावश्यक कार्यों की सलग्नता बढ़ती जाती है ;
“” ख “” से खयाल जहां रखना कार्य व्यवहार में भी शिर्ष श्रेणी रखता हो ,
वहाँ जरूरत से ज्यादा संसाधनों का इस्तेमाल होना लाज़मी है ;
“” न् “” से नाटक जहां रोजमर्रा की आदत में शुमार हो ,
वहाँ जिंदगी जीने का नजरिया संदिग्ध व अविश्वासी बनाता है ;
“” ड “” से डगर जहां मंजिल की तरफ धुँधली दिखाई देने लगे ,
वहाँ उसकी बनावट के साथ स्थिति व जलवायु का अध्ययन जरूरी है ;
“”वैसे परम्परा का जहां ख्याल रखना बेहद लाज़मी हो,
वहां नाटकीय डगर पर निर्बाध निर्वाह रोमांचक शैली को पाखण्ड कहा जाता है । “”
रूप –
– ईश्वर धार्मिक स्थलों में ही मिलता है।
– उसे प्रसन्न के लिए बलि देनी पड़ती है।
– मन्त्रों से उसे प्राप्त किया जा सकता है।
कारण –
– एक वर्ग ने कमाई के साधनों को विकसित किया।
– अपने जीभ की इच्छा पूर्ति करवाता है।
– वर्चस्व व श्रेष्ठता साबित करने की होड़ में कुछ लोगों की आजीविका का साधन बना है।
निवारण-
– प्रकृति सेवा ही ईश्वर सेवा है।
– प्राणी के चेहरे पर खुशी देकर उसे महसूस किया जा सकता है।
– शिक्षा के प्रसार से स्वावलंबन का रास्ता प्रसस्त होता है।
“”पाखण्ड से किसका आज तक भला हुआ है जनाब,
आखिरी में सौम्यता , सादगी व सच्चाई सबको भाती है;
यही “” मानस की विचारधारा भी और जगत की आवश्यकता भी है। “”
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पाखण्ड की परिभाषा | पाखण्ड का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
आजाद है लब, पर शब्दों पे पाबंदी है।
यह दुनिया-जहां, यहाँ सब पाखंडी है।।